Aap ki Adalat: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। इस कार्यक्रम से पहले राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने वाली साध्वी ऋतंभरा इंडिया टीवी के चर्चित शो 'आप की अदालत' में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई किस्से और तथ्य साझा किए। इसके साथ ही उन्होंने आंदोलन से जुड़े कई ऐसे प्रसंग भी साझा किए, जो कहीं भी पढ़ने और सुनने को नहीं मिलते थे। आप की अदालत में उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या रामलला विराजित होंगे और इस पल समस्त सनातन समाज कई सदियों से इंतजार कर रहा था।
'अयोध्या में राम मंदिर के साक्ष्य धरती के अंदर दबे थे'
इंडिया टीवी के कार्यक्रम आप की अदालत में जब उनसे काशी और मथुरा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने अयोध्या राम मंदिर के लिए आंदोलन किया है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि काशी और मथुरा के लिए आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में तो राम मंदिर के साक्ष्य धरती के अंदर दबे हुए थे। वहां ढांचा को बिना गिराए उन्हें बाहर नहीं लाया जा सकता था, इसलिए ऐसा किया गया। लेकिन काशी में तो प्रमाण सबके सामने है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरुरत ही नहीं होती है।
'बहुसंख्यक समाज के धैर्य की कभी तो प्रशंसा करो'
साधी ऋतंभरा ने कहा, "आप कभी तो ऐसे सोचो, इतने बड़े बहुसंख्यक समाज के धैर्य की कभी तो प्रशंसा करो। भारतीयों ने बब्बी मस्जिद के ढांचे को कभी छेड़ा नहीं। वहां राम चबूतरा बनाकर अपने राम जी की अर्चना वंदना करते रहे। लाखों की संख्या में उसी जगह जाकर परिक्रमा होती थी। हमने कभी अनाधिकार चेष्टा नहीं की है। सारा संसार जानता है हिंदू समाज के स्वभाव को, लेकिन उसके सौहार्द को, उसकी करुणा को, कायरता समझ लेना यह भूल है। यह अच्छा नहीं है।"