नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार भी जम्हाई लेते नहीं देखा है जबकि वे एक दिन की भी छुट्टी लिए बगैर लगातार काम करते रहते हैं। वह आज रात और रविवार रात इंडिया टीवी पर प्रसारित होने वाले 'आप की अदालत' शो में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। जब रजत शर्मा ने रवि शंकर प्रसाद से कहा -'एक कांग्रेस के बड़े नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी को 10 साल तक प्रधानमंत्री के रूप में काम करने के बाद अब आराम करना चाहिए। इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा-'12 साल मुख्यमंत्री, 10 साल प्रधानमंत्री, उन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उन्हें कहा गया था कि आप तीन दिन तक व्रत रखिए।'
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा,'उन्होंने 11 दिनों तक केवल नारियल का पानी पिया और कंबल ओढ़कर जमीन पर सोए। पूरे देश में सब जगह गए। बहुत कठिन श्रम था। और जब प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनसे यह पूछा गया आप कुछ खा लीजिए? लेकिन उन्होंने कहा नहीं आप मुझे थोड़ा चरणामृत दे दें, उसी के बाद मैं व्रत तोडूंगा। मैं आपको बताऊं रजत जी भगवान उनको स्वस्थ रखें। मैंने आज तक उनको जम्हाई लेते नहीं देखा है। जो व्यक्ति चार-पांच साल तक केदारनाथ में गुफा में साधना करे और जो इतना परिश्रम करे, तो कुछ तो है न उनके अंदर। हमें गर्व है कि नरेंद्र मोदी ऐसे महान नेता, महान साधक, योग्य नेता, देश के प्रधानमंत्री हैं।'
केजरीवाल
बीजेपी के सीनियर नेता से जब यह पूछा गया कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो इस समय ईडी की हिरासत में हैं, जेल से सरकार चला सकते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा: 'लोकतंत्र में हर चीज कानून के अनुसार नहीं चलता है। लोकतंत्र लोक-लाज से चलता है। लोकतंत्र ईमानदारी से चलता है। यदि मैग्सेसे पुरस्कार विजेता, आईआईटी ग्रेजुएट और अन्ना हजारे का शिष्य अगर ऐसी बात करेगा तो फिर वही है। ये तो बेशर्मी की पराकाष्ठा है और मैं क्या बोलूंगा?'
जब रजत शर्मा ने पूछा कि क्या चुनाव के मौके पर एक मुख्यमंत्री को सलाखों के पीछे डालने के लिए ईडी का दुरुपयोग किया गया, तो रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया: 'मैं उनकी गिरफ्तारी के बारे में नहीं कहूंगा क्योंकि यह ईडी का काम है। लेकिन मैं आपके जवाब में कुछ काउंटर सवाल पूछता हूं। मनीष सिसोदिया एक साल से जेल में है कि नहीं, क्या हल्ला किया था? लोगों ने राजघाट पर जाकर धरना दिया था। संजय सिंह छह महीने से जेल में हैं। सत्येन्द्र जैन दो साल से जेल में हैं। कोलकाता में जिस मंत्री से करोड़ों की रकम जब्त हुई वह जेल में है कि नहीं? वे ईडी और सीबीआई का भूत दिखाएंगे लेकिन उन्होंने क्या किया किया यह नहीं बताएंगे।
जब रजत शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने खुद अदालत से कहा था कि चांदनी चौक के जेबकतरे को भी उस बयान के आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया , रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया: 'अरविंद केजरीवाल ने देश में ईमानदार नेता का एक परिचय दिया था, खुद को अन्ना हजारे के शिष्य के रूप में पेश किया था, लेकिन प्रशांत भूषण, आशुतोष, किरण बेदी, अनुपम खेर, कुमार विश्वास, योगेन्द्र यादव और शाज़िया इल्मी जैसे उनके सहयोगी एक-एक कर अलग हो गए। जो लोग उनके आंदोलन में उनके साथ शामिल हुए थे, उन्होंने साथ छोड़ दिया। अब मैं इनकी सारी कहानी कहने के लिए नहीं बैठा हूं।'
यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह एकमात्र नेता हैं जो नरेंद्र मोदी को चुनौती दे सकते हैं, रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया: 'आपको अपना सर्टिफिकेट खुद देने पर कहां मनाही है? आप तो काशी में गए थे, लड़ने के लिए हार गए। आप गुजरात में गए कि गुजरात का नया शेर आया है। नरेंद्र मोदी को चैलेंज करने के लिए गए थे और एक सीट मिली। दिल्ली में लोकसभा की आप एक सीट नहीं जीत पाते। हां,विधानसभा जीते यह सच्चाई है। मेरा केवल यह कहना है कि अब इस तरह के अहंकार और दंभ की राजनीति नहीं चलती। ये पब्लिक है सब जानती है। उनपर भरोसा रखें । यह कहना कि मैं अपनी सरकार जेल से चलाऊंगा, जो हमारे देश में पहले कभी नहीं हुआ। यह सब क्या है?"
वॉशिंग मशीन
यह पूछे जाने पर कि नवीन जिंदल, अशोक चव्हाण, अजीत पवार जैसे नेताओं को भाजपा में शामिल होने की अनुमति क्यों दी गई, जबकि उनके खिलाफ आरोप थे, पूर्व कानून मंत्री ने जवाब दिया: 'नवीन जिंदल अभी भी (कोयला खदान मामले में) मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अशोक चव्हाण के बारे में जहां तक मेरी जानकारी है उन्हें कोर्ट से कुछ राहत मिल गई है। अजित पवार के केस अभी भी चल रहे हैं, लेकिन कुछ मामलों में उन्हें स्टे मिल गया है। लेकिन मैं फिर आपसे कहता हूं आप मुझे बताइए कि मोदी ने कार्रवाई रोक दी? केस वापस लिया? ऐसा नहीं हुआ। कई बार आपको राजनीतिक कारणों से फैसले करने पड़ते हैं। लेकिन जो ईमानदारी का सवाल है, शुचिता का सवाल है, इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।'
जब रजत शर्मा ने कहा कि ममता बनर्जी आरोप लगा रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी वाशिंग मशीन है, भ्रष्ट आदमी इसमें घुसता है और दूध का धुला होकर बाहर निकलता है, इस पर रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया: 'बंगाल में क्या हो रहा है?बूथ कैप्चर होता है, संदेशखाली में बेटियों की इज्जत लूटी जाती है। कितना भ्रष्टाचार हो रहा है। हिंदू संस्कार और संस्कृति पर हमला होता है। लेकिन वो चुप रहती हैं। ये ठीक नहीं है। इसलिए ममता और उनके भतीजे क्या-क्या करते हैं, हमसे मत पूछिए। कई बार सुप्रीम कोर्ट गए ना.. राहत मिली क्या? ममता जी व्यंग्य करती हैं इसमें कोई शक नहीं है। व्यंग करने दीजिए आप। लेकिन जनता इस बार बंगाल में ऐतिहासिक निर्णय देने वाली है।'
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर की गई यह टिप्पणी कि उनके लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हैं, रजत शर्मा ने जब इससे जुड़ा सवाल किया तो रविशंकर प्रसाद ने कहा: 'हां, मैंने ऐसा कहा था। उन्होंने यह भी कहा था, जब तक मैं जीवित हूं, मैं कभी वापस नहीं लौटूंगा... लेकिन, नीतीश जी एक ईमानदार व्यक्ति हैं। जब वे मुख्यमंत्री थे, तो लालू जी के यहां पांच-पांच दरवाजे खुले थे। एक दरवाजा उनकी बेटी के लिए, दूसरा दरवाजा उनके बड़े बेटे के लिए, तीसरा दरवाजा उनके छोटे बेटे के लिए, चौथा दरवाजा पत्नी के लिए और पांचवां उनके लिए। वह कुछ भी करने में असमर्थ थे। उनका स्वास्थ्य खराब था। वह सचमुच अंदर से टूट गए थे । हमने उनसे कहा कि आप यह सरकार नहीं चला सकते। ..मैं मानता हूं कि मैंने नीतीश जी के खिलाफ कई बार बोला है। वो रिकॉर्ड पर है। जब हमारे विरोध में थे तो हमने कहा था। लेकिन हमें ये बताइए कि उन्होंने इंडिया अलायंस छोड़ा क्यों? ममता जी को साथ लाया। राहुल गांधी से मिलने गए। महाराष्ट्र में मिलने गए। सबको जुटाया और जुटाने के बाद.. नीतीश तू साइड हो जा। बाकी नेतागिरी हम करेंगे। क्या मतलब है?'
यह पूछे जाने पर कि क्या नरेंद्र मोदी ने इंडिया अलायंस को तोड़ने के लिए सबसे पहले नीतीश पर निशाना साधा था, रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मोदी जी को किसी सहारे की जरूरत है क्या? अब देखिए कि गठबंधन कैसे टूट गया है.. मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं, हम रिश्ता बनाते हैं तो उसे निभाते हैं। हम रिश्तों का पोषण करते हैं। लेकिन उनके यहां रिश्ता कब बनता है, कब बिगड़ता है, कब टूटता है, कुछ पता ही नहीं चलता है। क्या वे देश चला सकते हैं?'