Aap Ki Adalat: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से पहली मुलाकात का किस्सा सुनाया। वे आप की अदालत में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। रजत शर्मा ने डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही जो बाइडेन से भी पीएम मोदी की दोस्ती को लेकर सवाल किया था। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं की पहली मुलाकात 2014 में हुई थी उस वक्त जो बाइडेन उपराष्ट्रपति थे। उस दौरान नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरा पर गए थे। जो बाइडेन ने उन्हें लंच पर बुलाया था। इसी दौरान दोनों नेताओं की दोस्ती हुई।
जयशंकर ने बताया कि जब बाइडेन राष्ट्रपति चुने गए तो स्वाभाविक तौर पर पुरानी दोस्ती का भी असर होता है। दोनों नेताओं की यह खूबी है लोगों के साथ कनेक्ट होते हैं। यही खासियत उन्हें लोकप्रिय बनाती है। बाइडेन के पास 50 साल से ज्यादा सार्वजनिक जीवन का अनुभव है। ठीक उसी तरह नरेंद्र मोदी भी लंबे अर्से से सार्वजनिक जीवन में हैं। दोनों ही नेता लोकतंत्र में विश्वास करनेवाले हैं। आप देखिए मोदी जी के 10 साल में लोकप्रियता की रेटिंग 70 प्रतिशत से ज्यादा है।
मोदी और जी20
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देशों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी किस्म का रोल मॉडल समझने लगे हैं। इटली की पीएम जियोजियो मेलोनी ने मोदी को most loved leader of the world कहा था। जयशंकर ने कहा - " बहुत सारे ऐसे देश हैं और बहुत सारे ऐसे लीडर्स हैं जिनके लिए मोदी जी आज एक किस्म से रोल मॉडल बन चुके हैं। उन्हें लगता है कि मोदी बहुत निर्णायक नेता हैं, बहुत साहसी हैं,बड़ी बड़ी चुनौती आए तो भी वो उसका मुकाबला करते हैं, उनकी बड़ी सोच है।"
रजत शर्मा - ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने तो कहा, मोदी इज़ द बॉस, तो क्या डायलॉग मारा होगा मोदी जी ने, जो उन्होंने कह दिया की मोदी इज़ द बॉस ?
जयशंकर: "डायलॉग नहीं मारा मोदी जी, अपने डायलॉग को एक किस्म से रेडिएट करते है, जब वो आते हैं, आपको नहीं लगता कि he is the boss?"
राजघाट पर जी-20 के नेताओं को ले जाने का आइडिया किसका था ?
ये पूछे जाने पर कि राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि पर जी20 देशों के नेताओं को ले जाने का आइडिया किसका था, जयशंकर का जवाब था कि ये आइडिया तो प्रधानमंत्री मोदी का ही था। विदेश मंत्री ने कहा - " ये मोदी जी का आईडिया था, क्योंकि गांधी जी एक तरह से दुनिया के सबसे iconic figure हैं, तो जब ये नेता भारत आये तो तय हुआ कि सब लोग श्रद्धांजलि देने वहां जाएं। मुझे लगा ये बहुत ही नेचुरल चीज़ है और उनको भी लगा । और मैं कहूंगा कि बहुत से लोगों ने इसकी बहुत सराहना की। वहां जाकर इमोशनल फील हुआ। जी20 के तीसरे सेशन में बहुत से नेताओं ने इसका जिक्र किया।