Aap Ki Adalat : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छापों के दौरान भारी मात्रा में काला धन बरामद करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और इनकम टैक्स (IT) विभाग की तारीफ करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनके मंत्रालय ने कभी इन विभागों के कामकाज में दखल नहीं दिया।
इंडिया टीवी बजट कॉन्क्लेव में कल रात रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में निर्मला सीतारमण ने कहा, 'ईडी के छापों में नोटों के ढेर मिल रहे हैं.. एक ही जगह इतना पैसा... जैसे घरों में हम धोने के लिए washing machine के पास एक जगह कपड़े जमा कर देते हैं, उस तरह से पहाड़ जैसे कैश मिल रहे हैं।'
रजत शर्मा : लेकिन दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि उनके घर ईडी, सीबीआई वाले गए लेकिन उनके लॉकर या घर से कुछ नहीं मिला?
सीतारमण : कुछ नहीं मिला ? ईडी, सीबीआई, आईटी, हाथ में सबूत आने के बाद ही छापे के लिए बाहर निकलते हैं । इतना ही नहीं सबूत मिलने के बाद आपसे 10 बार उस संबंध में पूछते हैं। अगर आपने जवाब नहीं दिया तब कार्रवाई होती है। आप सही समय पर जवाब दे दो फिर आपके यहां नहीं पहुंचेंगे।
रजत शर्मा : क्या ईडी वाले जब छापे के लिए जाते हैं तो आपको बताकर जाते हैं, आपसे पूछकर जाते हैं?
सीतारमण : 'बिल्कुल पूछते नहीं । क्योंकि वे स्वतंत्र जांच ऑर्गेनाइजेशन हैं.. हम उनसे पूछताछ नहीं कर सकते कि किसके घर जा रहे हो.. या इधर जाओ और उधर जाओ..ये मोदी जी की सरकार है भैया.. हम उन्हें फोन पर आदेश नहीं देते हैं।'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस प्रतिक्रिया पर कि यह दिशाहीन बजट है। इसे तो वे 30 मिनट में तैयार कर सकती थीं, सीतारमण ने कहा: 'बजट एक सीरियस डॉक्यूमेंट ( गंभीर दस्तावेज) है। बजट डॉक्यूमेंट एक्साइटमेंट के लिए नहीं है। आनेवाले समय में देश के लिए आपको क्या करना है, इसके लिए बजट में आपको बहुत मेहनत करनी होती है। नेताओं को कमेंट करने से पहले कुछ होम वर्क करना चाहिए।'
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की इस टिप्पणी पर कि इस साल के बजट में 'गरीबी' शब्द का केवल दो बार उल्लेख किया गया है, सीतारमण ने कहा, 'कांग्रेस जब सरकार में थी तब एक हजार बार गरीबी का नाम लिया होगा लेकिन गरीबी मिटी क्या ? हम जमीन पर काम कर रहे हैं। गरीबों को बिजली, पीने का पानी, शौचालय और एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने का काम कर रहे हैं। दूसरा रास्ता है इम्पॉवरमेंट का जिसपर प्रधानमंत्री जोर देते हैं ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके।'
निर्मला सीतारमण ने कहा, इस बार मनरेगा के लिए राशि कम की गई क्योंकि 'यह एक मांग आधारित कार्यक्रम है। इसमें पैसा तब दिया जाता है जब मांग होती है। इस बार हम पीएम आवास योजना और जल जीवन मिशन के तहत लोगों को काम दे रहे हैं। हमने पीएम आवास योजना के लिए 79 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए, ताकि सीजनली अनइम्प्लायड लोगों को इन दोनों योजनाओं में काम मिल सके।'
वित्त मंत्री ने इस बात पर सहमति जताई कि महंगाई की वजह कई बाहरी कारण भी रहे जिसके कारण ईंधन और उर्वरकों का आयात महंगा हो गया। " प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद नवंबर, 2021 और जून, 2022 में ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटाया गया था, ताकि कीमतें को कम किया जा सके और लोगों को राहत दी जा सके। इसी तरह, इम्पोर्टेड फर्टिलाइजर (आयातित उर्वरक) जो हम 1,800 रुपये प्रति बैग की लागत से खरीदते हैं, उसे किसानों को केवल 200 रुपये प्रति बैग के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री चाहते थे कि सरकार लोगों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को खुद उठाये। "
निर्मला सीतारमण ने कहा,'महंगाई के पीछे के कारण हमारे हाथ में नहीं थे। हमने ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटाकर कुछ राहत दी, लेकिन कई राज्य सरकारों ने सहयोग नहीं किया। मुद्रास्फीति की दर 6 से 7 प्रतिशत के बीच थी, लेकिन रिजर्व बैंक और सरकार के उपायों के बाद अक्टूबर और नवंबर से इसमें गिरावट आई है। आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मंत्री समूह (group of ministers) ने बफर स्टॉक से गेहूं बाजार में उतारने का फैसला किया है।'
निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' को 'भारत तोड़ो यात्रा' बताते हुए उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के नरेंद्र मोदी पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। वह झूठे आरोप लगाकर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे दुख हो रहा है क्य़ोंकि भारत में एक जिम्मेदार विपक्ष होना चाहिए। आधारहीन आरोप लगाकर आप एक जिम्मेदार विपक्ष नहीं हो सकते। जब जीएसटी को अंतिम रूप दिया जा रहा था कांग्रेस ने इस कदम का समर्थन किया। प्रणब मुखर्जी जीएसटी के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन अब जब जीएसटी लागू हो रहा है, तो वह (राहुल) इसे गब्बर सिंह टैक्स बता रहे हैं।'