नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी विवाद पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में बेहद सावधानी बरतते हुए कल रात कहा, 'यह सरकार से जुड़ा मामला नहीं है, रेग्यूलेटर्स इसे देख रहे हैं'। इंडिया टीवी बजट संवादे में रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में सीतारमण से यह पूछे जाने पर कि सरकार को अडानी विवाद पर क्या कदम उठाना चाहिए, सीतारमण ने कहा, 'ये सरकार का विषय नहीं है, इसे रेग्यूलेटर्स देख रहे हैं।'
वित्त मंत्री ने कहा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) ने पहले ही यह बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि उनका एक्सपोजर (ऋण जोखिम) ज्यादा नहीं है, वे प्रॉफिट में हैं.. ये उनका ही बयान है, मैं उसमें क्या जोड़ूं।' रजत शर्मा ने जब निर्मला सीतारमण से यह सवाल किया कि विपक्ष तो जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच की मांग कर रहा है ? इस पर सीतारमण ने कहा, 'मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती'
रजत शर्मा: रॉबर्ट वाड्रा कह रहे हैं कि अडानी ने फ्रॉड किया है, उसकी जांच होनी चाहिए।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हरियाणा और राजस्थान में जमीन अधिग्रहण के मामले में अभी तक कुछ स्पष्टता नहीं हैं, आज तक जवाब नहीं मिला है। मगर उनकी दृढ़ता और कॉन्फिडेंस तो देखिए। अगर आप किसी पर एक ऊंगली उठाते हैं बाकी तीन ऊंगलियां भी आपकी तरफ होती हैं।'
रजत शर्मा ने जब पूछा कि अगर एयर इंडिया टाटा को बेच दिया तो कोई शिकायत नहीं लेकिन अंबानी अडानी बेचते तो उनकी शिकायत होती कि ये सारा काम अंबानी और अडानी को बनाने के लिए किया जा रहा है। इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा- 'मैं किसी का नाम नहीं लूंगी, लेकिन कुछ राज्य सरकारें हैं जिन्होंने उद्योगपतियों को प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए आमंत्रित किया। मोदी जी ऐसा कभी नहीं करते। वे हमेशा टेंडर के जरिए खुली और पारदर्शी बोली को प्राथमिकता देते हैं। केरल में एक उद्योगपति को, मैं नाम नहीं लेना चाहती, कम्युनिस्ट सरकार ने बंदरगाह परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए बुलाया। राजस्थान में भी उन्हीं की परियोजना के लिए कांग्रेस की सरकार ने जमीन दी। मगर बाहर आकर कठोर शब्दों में कहते हैं कि आप इनका फेवर करते हो।यदि आप (वामपंथी और कांग्रेस) उन्हें पसंद नहीं करते हैं, तो जा कर हटा दो जी।
रजत शर्मा: विपक्षी दल कह रहे हैं कि वे एसबीआई और एलआईसी ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
निर्मला सीतारमण: 'विपक्ष में करना पड़ता है, करें।'
अडानी मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध पर निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'वे हर मुद्दे पर ऐसा करते हैं, चाहे पनामा पेपर्स हों, या चीन... कांग्रेस के शासन काल में तो उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए एलएसी पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। ऐसा लगता है कि कांग्रेस सवाल पूछने और जवाब सुनने की अपनी क्षमता खो चुकी है।'
हाल के दिनों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) द्वारा भारतीय बाजार से कई अरब डॉलर निकाले जाने को लेकर ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट पर निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मैं इसे जाने बिना टिप्पणी नहीं कर सकती। यह यूएस फेड (अमेरिका का फेडरल रिज़र्व) की ब्याज दरों के कारण हो सकता था। एफआईआई फंड किसी भी देश से तेजी से बाहर निकलते हैं, जब अमेरिका में ब्याज दरें अधिक होती हैं। इसमें भी सिर्फ एक कारण नहीं होता, 10 से 12 कारण हो सकते हैं।"
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