नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बीजेपी का शिवसेना के साथ गठबंधन जारी रहेगा और दोनों पार्टियां साथ मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा, 'एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे।' पीयूष गोयल आज रात इंडिया टीवी पर प्रसारित होने जा रहे शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। उनका यह जवाब इन अटकलों के मद्देनजर आया कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी से निकल कर अपने समर्थकों के साथ बीजेपी खेमे में शामिल हो सकते हैं।
महाराष्ट्र में अगला चुनाव हमारा गठबंधन जीतेगा-गोयल
पीयूष गोयल ने कहा: 'मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि एकनाथ शिंदे जी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं, शिवसेना के नेता हैं। शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी की संयुक्त सरकार मजबूती से महाराष्ट्र में लोगों की सेवा कर रही है। आप आकर देखिए किस स्पीड से महाराष्ट्र में विकास और प्रगति हो रही है। आपको राज्य के हर कोने में विकास दिखेगा। नागपुर से मुंबई को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे पर सुपर स्पीड से काम चल रहा है। मेट्रो लाइन का काम चल रहा है। हमारे एक-एक धार्मिक और तीर्थ स्थल का विकास हो रहा है। महाराष्ट्र के गांव-गांव तक नई आधारभूत सुविधाए पहुंच रही हैं। एक मित्रता के साथ शिंदे जी और फडणवीस जी जनता की सेवा कर रहे हैं। मैं आपको पक्का विश्वास दिलाता हूं, शिंदे जी और फडणवीस जी मिलकर शिवसेना-भाजपा की सरकार चलाएंगे और प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन और उनके नेतृत्त्व में महाराष्ट्र की सेवा करेंगे। यह बड़ी मजबूत सरकार है। महाराष्ट्र में हम अगला चुनाव जीतेंगे। महाराष्ट्र की जनता महाविकास अघाड़ी से काफी त्रस्त थी।'
ये कमाल की पार्टी है-गोयल
यह पूछे जाने पर कि क्या एनसीपी नेता अजित पवार अपने समर्थकों के साथ बीजेपी के खेमे में शामिल होंगे, पीयूष गोयल ने जवाब दिया: 'ये कमाल की पार्टी है, जहां पर नेता बोलता है कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं या रिटायर हो रहा हूं, फिर एक ढोंग रचा जाता है। फिर उसके बाद एक सुलह होती है और अपने बच्चे को बैठा दिया जाता है। अपने परिवार का व्यक्ति बैठे या अपने भाई के परिवार का.. इतना ही विषय है ना..। पार्टियां कार्यकर्ताओं और उनकी क्षमता के आधार पर चलती हैं, तब तो वास्तव में देश सेवा का काम कर सकती हैं। ये परिवारवाद वाली पार्टियां हैं जहां पदों पर बैठने का सिलसिला परिवार के लिए सुनिश्चित किया जाता है। भारत की जनता इस सिलसिले के घोर खिलाफ है और उसका जवाब देगी। कौन हमारे साथ आता है, नहीं आता है, उसके लिए हमें नहीं चिंता करनी पड़ती है। अच्छे लोग हमारे साथ स्वाभाविक रूप से जुड़ जाते हैं।'
यह पूछे जाने पर कि महाराष्ट्र में जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में थी तो उसके 40 विधायक क्यों 'चुरा लिए' गए, गोयल ने कहा, 'नहीं, हमने तो किसी को चुराया नहीं, अगर 54 विधायक में से 40 विधायक चाहें कि हमें एक भ्रष्ट नेतृत्व से मुक्ति चाहिए, हमें एक नाकाम नेतृत्व से मुक्ति चाहिए, एक नाकाम सरकार से मुक्ति चाहिए तो असली शिवसेना तो 40 विधायकों वाली ही है ना। और जो गिने चुने हम दो हमारे दो वाले लोग रह गए हैं, वो थोड़े न शिवसेना है। हमने तो चुराया नहीं। मैं समझता हूं कि जो थोड़े बहुत रह गए हैं, उनको चुरा के रखा गया है।'
कर्नाटक
कर्नाटक को लेकर पीयूष गोयल ने भरोसा जताया कि बीजेपी वहां फिर से सरकार बनाएगी। दूसरी तरफ उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के तीन दावेदार हैं: सिद्धारमैया, डी.के. शिव कुमार और खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे।
पीयूष गोयल ने कहा, 'राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान मुझे तो हैरानी हुई कि उस समय कुछ राज्यों में चुनाव चल रहे थे लेकिन यात्रा वहां नहीं गई। हम सब राजनीतिक लोग बड़े हैरान थे कि इसके पीछे राज़ क्या है? अब मैं कर्नाटक में देख रहा हूं और अब मुझे समझ में आ रहा है कि असलियत क्या थी। असलियत ये थी की वो भारत जोड़ो नहीं कर्नाटक में अपनी कांग्रेस पार्टी जोड़ने में लगे हुए थे। मुश्किल ये है कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री के लिए 3-3 दावेदार हैं। सिद्धारमैया अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। कहते हैं मुझे एक बार और मुख्यमंत्री बनना है। डीके शिव कुमार जी अपनी आकांक्षा को रोक नहीं सकते। वो कहते हैं मैं ही हूं जो मुख्यमंत्री बनूंगा। अब अखिल भारतीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कूद पड़े हैं। वे कहते हैं कि अरे इन दोनों की लड़ाई छोड़ो, मेरे पास तो पूरा अधिकार है। कांग्रेस अध्यक्ष के नाते मैं ही उपयुक्त हूं। तब भारत जोड़ो यात्रा इन तीनों को जोड़ने का प्रयास थी। यहां तक कि उस वक्त गुजरात में चुनाव चल रहा था। वहां तो घुसे भी नहीं और अब मैं कर्नाटक का चुनाव देख रहा हूं कि राहुल गांधी जी नज़र नहीं आ रहे हैं। मुझे लगता है कि उनकी खुद की पार्टी बोलती है कि आप मत आइए। आप आते हैं तो मार्जिन ऑफ डीफिट (हार का अंतर) और बढ़ जाएगा।
प्रियंका गांधी के इस आरोप पर कि बीजेपी ने हमारे विधायकों को 'चुराया', गोयल ने जवाब दिया: 'मतलब आप ऐसे लोगों को टिकट देते हैं जो चोरी होने के लिए बैठे हैं। मतलब कांग्रेस पार्टी ने ऐसे उमीदवार रखे हैं तो में समझता हूं कि कर्नाटक की जनता को उनका एक भी एमएलए चुन के नहीं भेजना चाहिए।'
राहुल गांधी
पीयूष गोयल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'उन्होंने अपने गुस्से के कारण अपनी सदस्यता खो दी । उन्हें कानून का सम्मान करना चाहिए था। आप पूरे मोदी ओबीसी समुदाय को बदनाम करते हैं और फिर अदालत से कहते हैं कि आप माफी नहीं मांगेंगे। जब कोर्ट आपको मौका दे रहा है,आपको बोल रहा है कि माफी मांग लो, माफी मांग कर बात खत्म हो जाती। आप पूरे समाज का एक प्रकार से अपमान करो, पूरे ओबीसी समाज की अवमानना करो और फिर सीनाजोरी करो कि नहीं मैं माफी नहीं मांगूंगा। उन्होंने न केवल मोदी का अपमान किया बल्कि उन्होंने उस ओबीसी समुदाय के सभी लोगों का अपमान किया, जिनका सरनेम मोदी है। देश के लोग इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।'
गोयल ने कहा, हाल में आज़म खान की भी शायद मेम्बरशिप गई है। अब जो दोषी है, जो गुनाह करेगा, फिर चाहे वो आज़म खान हो, चाहे मुख़्तार अंसारी हों या राहुल गांधी जी हों, जो दोषी पाया जाएगा देश के कानून के मुताबिक सजा सुनाई जाएगी और इसी आधार पर उनकी सदस्यता गई। मैं तो हैरान था जब राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी जी ने एक टीवी इंटरव्यू में ये बात रखी कि गांधी परिवार के लोगों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। अगर कोई दोषी हो तो उसपर देश का कानून चलेगा और सजा मिलेगी। गांधी परिवार के लिए अलग कानून कैसे हो सकता है? यह सोच की बू आती है, 'मैं, मेरी पार्टी और मेरा परिवार'। मेरे ख्याल से कांग्रेस पार्टी का वक्तव्य 'इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा' आज तक देश की जनता भूली नहीं है। उनकी सोच है कि हमारा परिवार सबसे आगे है और भारत के लोगों को सबसे पीछे रहना चाहिए।'
राहुल गांधी के इस आरोप पर कि भाजपा सरकार की नीतियां केवल 4 या 5 उद्योगपतियों के पक्ष में हैं, पीयूष गोयल ने जवाब दिया, 'मैं आज पूरे दावे के साथ कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी एक मात्र पार्टी है , जिसकी सरकार में बिना भेदभाव के कार्यक्रम लागू होते हैं। आज देश का कोई उद्योगपति ये कहे कि उसको इस पार्टी से, इस पार्टी की सरकार से कोई फेवर मिला या कोई कॉन्ट्रैक्ट मिला हो? पारदर्शी तरीके से लोगों को मौका मिल रहा है।
राहुल गांधी के इस आरोप पर कि अडानी समूह को बंदरगाह, हवाई अड्डे, माइन्स, बिजली और अन्य परियोजनाएं मिलीं, गोयल ने जवाब दिया, "अडानी ग्रुप को पहला पोर्ट (बंदरगाह) जब कांग्रेस की सरकार थी तब मिला था। राजस्थान में सोलर का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट आ रहा है, तो कौन आजू - बाजू में बैठा था? राजस्थान के मुख्यमंत्री और वो बैठ कर क्या बात कर रहे थे, उसका खुलासा करे दें। हमने कभी कोई जमीन नहीं दी। एयरपोर्ट के ठेके पारदर्शी बोली प्रक्रिया से दिए गए। जिस कंपनी ने सबसे ज्यादा बोली लगाई, उसे ठेके मिले।'