सुप्रीम कोर्ट में एक वकील अपनी ऐसी याचिका को लेकर पहुंचा जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। कोर्ट ने भी उस वकील की याचिका को सुनने के बाद उसकी फटकार तो लगाई ही, इसके साथ ही उसकी याचिका को खारिज भी कर दिया है। दरअसल एक शख्स जो पेशे से वकील है, वो सुप्रीम कोर्ट में अपनी एक याचिका लेकर पहुंचा जिसमें मांग की गई थी कि मुंबई के अलग-अलग स्टेडियम में क्रिकेटरों के लिए शौचालय होने चाहिए। कोर्ट ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया है। आइए आपको बताते हैं कि कोर्ट ने वकील से क्या कहा?
कोर्ट ने वकील की लगाई फटकार
मुंबई के विभिन्न स्टेडियम में प्लेयर्स के लिए शौचालय की मांग को लेकर दायर हुई याचिका को कोर्ट ने तुरंत खारिज कर दिया और वकील की फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा, 'यह किस तरह की जनहित याचिका है? अगर क्रिकेटरों को कोई समस्या हो रही है तो वो खुद हमारे पास आ जाएंगे।'
जस्टिस अभय एस. ओका ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप एक वकील हैं या फिर क्रिकेटर हैं? उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप वकील हैं तो क्रिकेटर इसके लिए पूरी तरह से सक्षम हैं और अगर आप एक क्रिकेटर हैं तो फिर यह याचिका एक जनहित याचिका तो हुई ही नहीं।' हाई कोर्ट ने आपकी इस याचिका को खारिज करके सही काम किया है। हम उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हैं।
एक अन्य मामले में SC ने दिया यह आदेश
SC ने गुरुवार को सहारा ग्रुप को 15 दिन के अंदर एक अलग Escrow Account (थर्ड पार्टी का खाता) में 1,000 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने सहारा ग्रुप को मुंबई के वर्सोवा में अपनी जमीन के डेवलपमेंट के लिए एक जॉइंट वेंचर स्थापित करने की भी अनुमति दे दी, जिससे 10 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हो सकें। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश के अनुपालन में निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा की जानी है।
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