नई दिल्ली: एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल के 71 सदस्यों में से 70 यानी 99 प्रतिशत करोड़पति हैं। इन मंत्रियों की औसत संपत्ति 107.94 करोड़ रुपये है। एडीआर ने कहा कि मंत्रियों में से 6 ऐसे हैं जिनके पास 100 करोड़ रुपये से कहीं अधिक की संपत्ति है। इन मंत्रियों के वित्तीय विवरण प्रदान करने वाली रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि उनके बीच औसत संपत्ति 107.94 करोड़ रुपये है। मंत्रियों की ओर से अपनी संपत्ति की घोषणा के आधार पर एडीआर ने यह आकलन किया है।
ADR के आंकलन के मुताबिक
- ग्रामीण विकास मंत्रालय संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ चंद्रशेखर पेम्मासानी 5705.47 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ इस सूची में सबसे ऊपर हैं। उनकी संपत्ति में 5598.65 करोड़ रुपये की चल और 106.82 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
- संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कुल 424.75 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। उनकी संपत्ति के ब्योरे में चल संपत्ति में 62.57 करोड़ रुपये और अचल संपत्ति में 362.17 करोड़ रुपये शामिल हैं।
- भारी उद्योग मंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी के पास कुल 217.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनकी संपत्ति में 102.24 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 115.00 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
- रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुल 144.12 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जिसमें 142.40 करोड़ रुपये चल संपत्ति और 1.72 करोड़ रुपये अचल संपत्ति शामिल है।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पास कुल 121.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनकी संपत्ति में चल संपत्ति में 39.31 करोड़ रुपये और अचल संपत्ति में 82.23 करोड़ रुपये शामिल हैं।
- महाराष्ट्र के उत्तर मुंबई से भाजपा के एक अन्य मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 110.95 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। इसमें 89.87 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 21.09 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले
इसके अलावा पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 19 मंत्रियों पर हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरत फैलाने वाले भाषण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। सबसे गंभीर आरोपों का सामना करने वाले मंत्रियों में से दो ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं। इनमें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर और पूर्वोत्तर क्षेत्र शिक्षा एवं विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार शामिल हैं। एडीआर की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पांच मंत्रियों पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामले हैं। इनमें गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार, ठाकुर, मजूमदार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी और जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम शामिल हैं।
पीएम के मंत्रिमंडल में कुल 71 मंत्री
इसके अतिरिक्त, एडीआर रिपोर्ट में आठ मंत्रियों की पहचान की गई है, जिनके मामले नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित हैं। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल 71 सदस्यों में से कुल 28 (39 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। नौ जून को शपथ लेने वाली नयी मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित 72 सदस्य हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 71 मंत्रियों के साथ रविवार को शपथ ली थी। इस बार भाजपा को भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है। इसलिए मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। (इनपुट- भाषा)
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