प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के तहत 95वें एपिसोड के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने G-20, भारत की स्पेस सेक्टर में जगह, दुनिया में बढ़ती भारतीय संगीत की लोकप्रियता सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के भजन का ऑडियो भी प्ले किया गया। पीएम ने कुल मिलाकर इस बात पर पूरा जोर दिया कि देश को इस अमृतकाल में अगले साल जी20 की अध्यक्षता करने को मिला है। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत वैश्विक भलाई और विश्व कल्याण पर फोकस करेगा। भारत 1 दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए तैयार है, जो देश के लिए एक बड़ा अवसर है। इसके बाद पीएम मोदी ने तेलंगाना के राजन्ना सिर्सिल्ला जिले के एक बुनकर भाई येल्धी हरिप्रसाद गारू जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि भाई येल्धी हरिप्रसाद गारू जी ने मुझे अपने हाथों से बुनकर G-20 का लोगो भेजा है। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।
वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर के थीम पर काम करेगा भारत
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है। हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना है और वैश्विक भलाई, विश्व कल्याण पर फोकस करना है। शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो, सतत विकास हो, भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है। हमने वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की जो थीम दी है, उससे वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
G-20 की अध्यक्षता बड़ा मौका
पीएम ने अपने संबोधन में सबसे पहले G-20 का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा। मुझे विश्वास है कि आप संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे और आपको यह भी याद रखना होगा कि जी20 में आने वाले लोग, भले ही वे अभी प्रतिनिधि के रूप में आए हों, भविष्य के पर्यटक हैं।
स्पेस सेक्टर में भारत ने रचा इतिहास
हाल ही में देश के पहले प्राइवेट रॉकेट 'विक्रम-एस' के प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ''18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अंतरिक्ष में पहला रॉकेट भेजा। जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया था। इस रॉकेट का नाम 'विक्रम-एस' है। स्वदेशी अंतरिक्ष स्टार्टअप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का दिल गर्व से ऊंचा हो गया। विक्रम-एस रॉकेट कई विशेषताओं से लैस है। उन्होंने कहा, ''यह अन्य रॉकेटों की तुलना में हल्का भी है, और सस्ता भी है।'' इसकी विकास लागत अंतरिक्ष मिशन में शामिल अन्य देशों द्वारा किए गए खर्च की तुलना में बहुत कम है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में, कम लागत पर विश्व स्तर का मानक अब भारत की पहचान बन गया है। इस रॉकेट को बनाने में एक और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। मोदी ने कहा, ''आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रॉकेट के कुछ अहम हिस्से 3डी प्रिंटिंग से तैयार किए गए हैं। निश्चित तौर पर 'विक्रम-एस' के लॉन्च मिशन को दिया गया 'प्रारंभ' नाम बिल्कुल सही बैठता है। यह भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक है।
ड्रोन के क्षेत्र में भी भारत आगे
PM मोदी ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले हमने देखा कि कैसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में ड्रोन के जरिए सेब ट्रांसपोर्ट किए गए।
भारतीय संगीत की लोकप्रियता दुनिया में बढ़ रही
भारतीय संगीत पर बात करते हुए PM ने कहा कि बीते 8 सालों में भारत से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का निर्यात साढ़े तीन गुना बढ़ गया है। इलेक्ट्रिकल म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की बात करें तो इनका निर्यात 60 गुना बढ़ा है। इससे पता चलता है कि भारतीय संस्कृति और संगीत की लोकप्रियता दुनिया में बढ़ रही है।
मन की बात में नागा संस्कृति का जिक्र
PM ने कहा कि नागा संस्कृति के जो खूबसूरत आयाम धीरे-धीरे खोने लगे थे उन्हें 'LIDI KROU' संस्था ने पुनर्जीवित करने का काम किया है। उदाहरण के लिए इस संस्था ने नागा संगीत की एल्बम लॉन्च करने का काम शुरू किया है।