मुस्लिम महिला अधिकार समूह, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (BMMA) ने हाल ही में बहुविवाह यानी पोलिगैमी पर एक किताब लॉन्च की है और मुस्लिम महिलाओं का एक सर्वेक्षण किया है जो इस अभिशाप की शिकार हैं। इस पुस्तक के माध्यम से महिला समूह बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने और इसे अपराध घोषित करने की मांग कर रहा है।
"ट्रिपल तालक" की तरह ही "बहुविवाह" के लिए कानून लाने का आह्वान
2015 में किए गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 84% भारतीय मुस्लिम महिलाएं बहुविवाह को गैरकानूनी घोषित करना चाहती हैं। 289 पत्नियों पर 10 राज्यों में सर्वे किया गया, जिसमें से 91% महिलाएं अपने पति की दूसरी शादी का विरोध करती हैं। 3 पेज की रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाएं मेंटली टॉर्चर से कैसे गुजरती हैं। केवल 23% पति ही दूसरी शादी के बारे में अपनी पत्नी से अनुमति लेते हैं। 70% से अधिक महिलाओं ने मांग किया कि बहुविवाह करने वाले पतियों को दंडित किया जाना चाहिए। भारतीय दंड कानून के तहत ऐसे नियम हैं जिनका पालन आदमी को करना होता है लेकिन इस्लाम में ऐसा कोई कानून नहीं है। जिसके चलते पुरुष इसका गैर फायदा उठाते है।
बहुविवाह से पीड़ित महिला की केस स्टडी
इराफाना फिरोज कुरैशी उसका कहना है कि उसके पति ने भी उसे छोड़ दिया, बुनियादी जरूरत की चीजें उपलब्ध नहीं करा रहा है। दो शादियां पहले भी की पर इसकी खबर इरफाना को देर से पता चली। इसके अलावा उसे घरेलू हिंसा का भी शिकार बनाया और गला घोंटने का प्रयास भी किया।