हिमाचल प्रदेश में आई प्रकृतिक आपदा से लोगों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। गुरुवार को बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 74 हो गई है। वहीं, लैंडस्लाइड में ढ़ह चुके मकानों आदि के मलबे में कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका भी है।
चंबा में दो की मौत
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के अनुसार, बचाव कर्मियों ने समर हिल भूस्खलन स्थल पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के गणित विभाग के प्रमुख पीएल शर्मा का शव निकाला। इसके अलावा चंबा जिले में बारिश से संबंधित दो मौतों की सूचना भी मिली है। समर हिल में स्थित शिव मंदिर तथा फागली और कृष्णनगर में हुए भूस्खलन की वजह से 21 लोगों की मौत हुई है।
बारिश कम हुई
हिमाचल में बीते मंगलवार के बाद से बारिश कम हुई है। सेना, वायु सेना और अन्य बचाव कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंदौरा के पोंग बांध से 309 लोगों को निकाला है। बचाव कर्मियों ने पिछले तीन दिनों में इन इलाकों से 2074 लोगों को निकाला है। अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 875 सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं और 1,135 ट्रांसफार्मर और 285 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं।
7,500 करोड़ का नुकसान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के लोगों से मुलाकात की है। उन्होंने लोगों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। सीएम सुक्खू के अनुसार राज्य को इस आपदा से हुए नुकसान की भरपाई करने में एक साल का वक्त लग सकता है। प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा के अनुसार, इस आपदा के कारण राज्य को करीब 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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