Highlights
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक नयी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
- अमेरिका में 60% वयस्कों की तुलना में 18 साल से कम आयु के 72% लोगों ने जलवायु अनुकूल खेती का समर्थन किया
- जलवायु अनुकूल खेती के फायदों के बारे में वयस्कों के बीच शिक्षा का कहीं अधिक प्रसार करने की जरूरत
नयी दिल्ली: भारत में करीब 58 प्रतिशत वयस्कों की तुलना में 18 साल से कम आयु की लगभग 67 प्रतिशत आबादी जलवायु परिवर्तन को वैश्विक आपात स्थिति मानती है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक नयी रिपोर्ट में यह कहा गया है। यूएनडीपी और लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जी20 पीपुल्स क्लाइमेट वोट 2021 रिपोर्ट के लिए भारत से 34,749 वयस्कों और 18 साल से कम आयु के 31,390 लोगों को शामिल किया गया था।
वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व भर के युवा जलवायु परिवर्तन की गंभीरता से कहीं अधिक अवगत हैं और जलवायु के मोर्चे पर तुरंत मजबूती से कार्रवाई चाहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में, करीब 58 प्रतिशत वयस्कों की तुलना में 18 साल से कम आयु की लगभग 67 प्रतिशत आबादी का मानना है कि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक आपात स्थिति है।
प्रदूषणकारी ईंधन को जलाने से रोकना ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी और फ्रांस में एक लोकप्रिय नीति है। इन देशों में वयस्क और 18 साल से कम आयु के ज्यादातर लोग इन नीतियों का समर्थन करते हैं। वहीं, भारत और सऊदी अरब में इस नीति का महज 30 प्रतिशत वयस्कों ने समर्थन किया।
अमेरिका में 60 प्रतिशत वयस्कों की तुलना में 18 साल से कम आयु के 72 प्रतिशत लोगों ने जलवायु अनुकूल खेती का समर्थन किया। वहीं, भारत में 43 प्रतिशत वयस्कों की तुलना में 18 प्रतिशत से कम आयु के 51 प्रतिशत लोगों ने इसका समर्थन किया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इससे संकेत मिलता है कि जलवायु अनुकूल खेती के फायदों के बारे में वयस्कों के बीच शिक्षा का कहीं अधिक प्रसार करने की जरूरत है।’’