करीबन 5,000 हाईट्रेन पुलिस अधिकारियों या साइबर कमांडो का एक बड़ा समूह अगले 5 सालों में तैयार किया जाएगा, जो देश भर में होने वाले साइबर हमलों का तुरंत जवाब देंगे और उन्हें रोकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह ऐलान I4C के पहले स्थापना दिवस पर किया। उन्होंने कहा कि ये कमांडो आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा, डिजिटल फोरेंसिक और घटना प्रतिक्रिया को संभालेंगे।
'5 साल में 5,000 साइबर कमांडो'
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र I4C के पहले स्थापना दिवस पर शाह ने कहा, "हमारे पास 5 साल में 5,000 साइबर कमांडो होंगे। ये कमांडो साइबर खतरों का तेजी से जवाब देंगे।" गृह मंत्री ने साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा बताया और कहा कि “साइबर सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना देश का विकास संभव नहीं है”।
शाह ने कहा, "अगर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास डेटा अलग-अलग है, तो यह साइबर अपराधियों के खिलाफ लड़ाई में हमारी मदद नहीं करेगा, जिनकी कोई सीमा नहीं है। समय आ गया है कि संदिग्धों के लिए एक आम रजिस्ट्री हो," उन्होंने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ आना होगा।
रजिस्ट्री कैसे काम करेगी
एसबीआई के एक सहायक प्रबंधक ने कहा कि इस सिस्टम का इस्तेमाल किसी भी संदिग्ध खाते या व्यक्ति का डिटेल देखने के लिए किया जा सकता है। कार्यक्रम में चलाए गए एक वीडियो में कहा गया, "इससे बैंकों को वास्तविक समय में संदिग्ध लेनदेन और संबंधित व्यक्तियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।"
दो अन्य पोर्टल भी लॉन्च
गृह मंत्री ने दो अन्य पोर्टल लॉन्च किए - समन्वय मंच, एक संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा सिस्टम और साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC)। बता दें कि समन्वय मंच एक वेब-बेस्ड मॉड्यूल है जो देश भर में LEAs के लिए साइबर क्राइम, डेटा शेयरिंग, क्राइम मैपिंग, एनालिटिक्स, कॉपरेशन और कोर्डिनेशन के वन-स्टॉप डेटा भंडार के रूप में काम करता है। 14C की थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (TAU) की डायरेक्टर रूपा एम ने कहा कि CFMC 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1930 कंट्रोल रूम से जुड़ा हुआ है।
2018 में दी गई थी मंजूरी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 5 अक्टूबर, 2018 को ₹491 करोड़ के फंड के साथ मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा (CIS) प्रभाग के भीतर एक सेंट्रल प्लान के रूप में I4C को मंजूरी दी। इसका प्राथमिक उद्देश्य देश भर में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना था। 10 जनवरी 2020 को शाह ने I4C और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) का उद्घाटन किया।
इस साल 1 जुलाई से I4C गृह मंत्रालय के "संलग्न कार्यालय" के रूप में काम कर रहा है। यह डेटाबेस बैंकों, वित्तीय संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा तैयार किया जाएगा और उन तक उनकी पहुंच होगी, जो जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने के लिए भी इसका उपयोग करेंगे।
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