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45 साल की महिला ने रचा इतिहास, 14 दिन में साइकिल चलाकर गुजरात से अरुणाचल प्रदेश पहुंची

प्रीति मस्के ने अपनी बीमारी और डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए पांच साल पहले साइकिलिंग शुरू की थी। अपनी लंबी यात्रा शुरु करने के दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा लेकिन वह हमेशा डटी रहीं और उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Nov 21, 2022 18:16 IST, Updated : Nov 21, 2022 18:16 IST
preeti maske
Image Source : INSTAGRAM/THE_EXTREME_LADY प्रीति मस्के

गुवाहाटी: कहते हैं कि महिलाएं अगर चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं। ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं जिसे वह बना नहीं सकती और तोड़ नहीं सकतीं। ऐसी ही एक 45 साल की महिला ने गुजरात से अकेले साइकिल चलाकर 14 दिन में अरुणाचल प्रदेश पहुंचकर कीर्तिमान बनाया है। 2 बच्चों की इस मां ने साइकिल से लगभग 4000 किलोमीटर का सफर तय करके यह साबित कर दिया कि अगर इरादे पक्के हों तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। 

अभियान दल के प्रमुख घनश्याम रघुवंशी ने सोमवार को बताया कि पुणे निवासी प्रीति मस्के ने एक नवंबर को पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा के कोटेश्वर मंदिर से अपनी यात्रा शुरू की थी और गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश से होकर वह गुजरीं। 

उन्होंने कहा कि प्रीति ने अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास किबिथू पहुंचने के लिए 13 दिन, 19 घंटे और 12 मिनट में अपनी 3,995 किलोमीटर की यात्रा पूरी की और वह 14 नवंबर की आधी रात को किबिथू पहुंचीं। प्रीति ने केवल 14 दिनों में देश में पश्चिम से पूर्व तक यात्रा करके पहली महिला एकल साइकिल चालक होने की उपलब्धि हासिल की है।

 5 साल पहले साइकिल चलाना शुरू किया था

प्रीति ने बीमारी और डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए पांच साल पहले साइकिल चलाना शुरू किया था। रघुवंशी ने कहा कि ‘वर्ल्ड अल्ट्रा साइक्लिंग एसोसिएशन’ और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा आवश्यक कागजी कार्रवाई, साक्ष्य और चित्रों को स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा, 'वे इस पर विचार के बाद आने वाले समय में प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।'

इस लंबी यात्रा के दौरान प्रीति को कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, खासकर असम और अरुणाचल प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में। प्रीति ने कहा, 'इन दुर्गम क्षेत्रों में साइकिल चलाना कठिन था। बिहार के दरभंगा में तेज हवाएं चल रही थीं, जबकि अरुणाचल प्रदेश में तेजू के बाद रास्ता काफी चढ़ाई वाला था, सड़क की स्थित खराब थी और निर्माण कार्य जारी था।' 

प्रीति ने पहले दस दिनों में औसतन 19 घंटे साइकिल चलाकर प्रतिदिन लगभग 350 किलोमीटर का सफर तय किया। उन्होंने कहा, 'निरंतर साइकिल चलाने में नींद की कमी से जूझना एक चुनौती थी। मैं लगातार 19 घंटे और कभी-कभी 24 घंटे से अधिक साइकिल चला रही थी। यह कॉफी ही थी जिसने मुझे जगाए रखा।'

 

 

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