तमिलनाडु के अवनियापुरम में जल्लीकट्टू के दौरान दो पुलिस कर्मियों सहित 45 लोग घायल हो गए हैं। 9 लोगों को की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें इलाज के लिए मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में रेफर किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु में फसल कटाई का त्योहार पोंगल मनाया जा रहा है। वहीं मदुरै जिले के अवनियापुरम में सोमवार को सांडों को काबू करने का खेल जल्लीकट्टू शुरू हुआ। इसमें 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इससे पहले तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई में 29 लोग घायल हो गए थे।
3 दिन चलेगा जल्लीकट्टू
बता दें कि जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए 1,000 सांडों और 600 लोग (सांड वश में करने वाले) को पंजीकृत किया गया है। यह सोमवार सुबह 8 बजे शुरू हुआ और अगले तीन दिनों तक आयोजित किया जाएगा। राज्य भर में लोगों ने समृद्धि के प्रतीक के रूप में चावल और गुड़ से बना मीठा पकवान 'पोंगल' तैयार करके शुभ तमिल महीने 'थाई' की शुरुआत की।
जल्लीकट्टू कैसे खेला जाता है?
शुभ महीने के पहले दिन जब पोंगल मनाया जाता है तो जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाता है। अवनियापुरम में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे के बीच बैल-आलिंगन खेल के आठ राउंड खेले जाते हैं। प्रत्येक दौर के लिए, कम से कम 70 बैलों को वाडिवासल (बैल सुरंग) से छोड़ा जाता है। बैल बेतरतीब ढंग से जमीन पर हमला करते हैं और अपना रास्ता ढूंढने की कोशिश करते हैं।
खेल के नियम
वश में करने वालों को बैल के सींग पकड़ने और उसके पैरों से चिपकने की अनुमति नहीं है। एक वश में करने वाले को विजेता माना जाएगा यदि वह बैल को 100 मीटर पार करने तक या उसके तीन चक्कर पूरे करने तक पकड़कर रख सकता है। सुरंग से निकलने के बाद बैल को पकड़ने के लिए केवल एक ही व्यक्ति को अनुमति दी जाती है।