Highlights
- सरकार ने कहा कि 2019 में संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में 109 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए।
- सरकार ने संसद में कहा कि इन घटनाओं के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा है।
- जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक उमर नाम का आतंकवादी मारा गया।
नयी दिल्ली: सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि 2019 में संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में 541 आतंकी घटनाएं हुयीं और 439 आतंकवादी मारे गए। सरकार ने साथ ही बताया कि इस दौरान 109 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में 541 आतंकी घटनाएं हुयीं और 439 आतंकवादी मारे गए।
‘आतंकी घटनाओं में 98 नागरिक भी मारे गए’
नित्यानंद राय ने कहा कि इन घटनाओं में 98 नागरिक भी मारे गए और उस समय से करीब 5.3 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा है। इस बीच जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक उमर नाम का आतंकवादी मारा गया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाबलों ने जिले में नौपोरा इलाके के नदीगाम गांव की घेराबंदी की और वहां तलाश अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि तलाश अभियान के दौरान मुठभेड़ शुरू हो गयी जिसमें एक आतंकवादी मारा गया। वह मंगलवार को एएसआई शबीर अहमद पर हुए हमले में शामिल था।
‘मस्जिद से घर लौट रहा था पुलिस अधिकारी’
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों के हमले में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया था। पुलिस ने बताया कि हमला तब हुआ जब अधिकारी मस्जिद से घर लौट रहा था। पुलिस ने बताया कि घायल अधिकारी को अस्पताल में भर्ती किया गया है और हमलावरों की तलाश जारी है। कश्मीर जोन की पुलिस ने ट्वीट किया, ‘सहायक पुलिस निरीक्षक शबीर अहमद पर आतंकवादियों ने गोली चलाई जब वह शोपियां स्थित अमीशीजीपोरा में मस्जिद से लौट रहे थे।’ पुलिस ने कहा था कि अहमद का श्रीनगर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।