दिल्ली स्थित अमेरिकी एंबेसी की 4 महिला अधिकारियों ने सरकार से मिलीं बुलेट प्रूफ गाड़ियों को बाय-बाय बोल दिया है। वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल इन महिला अधिकारियों को अब पिंक ऑटो की सवारी पसंद आ गई है। खुद ऑटो चलाकर ये ऑफिस जाती हैं। एनएल मेसन, रुथ, होल्म्बर्ग, शरीन जे किटरमैन और जेनिफर बायवाटर्स का कहना है कि ऑटो चलाना मजेदार ही नहीं, बल्कि यह एक मिसाल है कि अमेरिकी अधिकारी भी आम लोगों की तरह हैं।
'भारत आते ही खरीदा ऑटो'
एएनआई से बातचीत में एनएल मेसन ने कहा, ''जब मैं पाकिस्तान में थी तब मैं बड़ी शानदार बुलेट प्रूफ गाड़ी में घूमती थी। उसी से ऑफिस जाती थी। लेकिन जब मैं बाहर ऑटो देखती थी तो लगता था कि एक बार तो इसे चलाना है। इसलिए जैसे ही भारत आई तो एक ऑटो खरीद लिया। मेरे साथ रूथ, शरीन और जेनिफर ने भी ऑटो खरीदे।''
मैक्सिकन एंबेसडर से मिली प्रेरणा
भारतवंशी अमेरिकी डिप्लोमैट शरीन जे किटरमैन के पास पिंक कलर का ऑटो है। इसके रियर-व्यू मिरर में अमेरिका और भारत के झंडे लगे हैं। उनका जन्म कर्नाटक में हुआ था। बाद में वो अमेरिका में बस गईं। किटरमैन के मुताबिक उन्हें एक मैक्सिकन एंबेसडर मेल्बा प्रिआ से यह प्रेरणा मिली। 10 साल पहले उनके पास एक सफेद रंग का ऑटो था। उनका ड्राइवर भी था। उन्होंने बताया, ''जब मैं भारत आई तो देखा मेसन के पास ऑटो है, तभी मैंने भी एक ऑटो खरीद लिया।''
'ऑटो के साथ अच्छे से होता है डिप्लोमेसी का काम'
अमेरिकी अधिकारी रुथ होल्म्बर्ग ने कहा, ''मुझे ऑटो चलाना बहुत अच्छा लगता है। मैं बाजार भी इसी से जाती हूं। मुझे महिलाएं देखकर मोटिवेट भी होती हैं। मेरे लिए डिप्लोमेसी हाई लेवल पर नहीं है। डिप्लोमेसी का मतलब है लोगों से मुलाकात करना, उन्हें जानना और उनके साथ एक रिश्ता कायम करना है। ये सब मैं ऑटो चलाते हुए कर सकती हूं।