Saturday, December 14, 2024
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'रोज बम-मिसाइल की आवाज सुनते थे', सीरिया से वापस लौटे 4 भारतीयों ने बताया- कैसे हैं वहां के हालात

सीरीया में तख्तापलट होने के बाद युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। इजराइल ने भी मौके का फायदा उठाकर सीरिया पर अपने टैंक भेजे हैं। इस बीच भारतीय दूतावास ने अपने चार नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Dec 14, 2024 9:15 IST, Updated : Dec 14, 2024 11:20 IST
indians returned from syria- India TV Hindi
Image Source : X/ANI सीरिया से वापस लौटे भारतीय नागरिक

सीरिया में युद्ध के बीच फंसे चार भारतीय नागरिक वापस आ चुके हैं। भारतीय दूतावास ने उन्हें सीरिया से बाहर निकाला और दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचाया। देश लौटने के बाद इन नागरिकों ने सीरिया के हालात बयां किए हैं। आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचे एक भारतीय नागरिक ने कहा "मैं 15-20 दिन पहले वहां गया था। भारतीय दूतावास ने हमें निकाला। पहले हम लेबनान गए फिर दोहा और आज हम दिल्ली पहुंच गए हैं। हमें खुशी है कि हम अपने देश पहुंच गए हैं। भारतीय दूतावास ने हमारी बहुत मदद की।"

भारत ने सीरिया से अपने सभी नागरिकों को निकाल लिया है, जो राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के तख्तापलट के बाद घर लौटना चाहते थे। विद्रोहियों ने कई प्रमुख शहरों और कस्बों के बाद राजधानी दमिश्क पर भी नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद असद सरकार गिर गई थी। भारत ने मंगलवार को सीरिया से अपने नागरिकों को निकाल लिया था। जायसवाल ने कहा, "हमने सीरिया में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है, जो उस देश में हाल के घटनाक्रमों के बाद घर लौटना चाहते थे। अब तक सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है।"

कैसे हैं सीरिया के हालात?

सीरिया से वापस लौटे एक भारतीय नागरिक ने दिल्ली एयरपोर्ट पर कहा "हमने अपने दूतावास से संपर्क किया और उन्होंने हमें दमिश्क बुलाया, हम वहां 2-3 दिन रहे, फिर हमें बेरूत ले जाया गया। वहां स्थिति बहुत गंभीर है। हर दिन हमें रॉकेट और गोलियों की आवाजें सुनाई देती थीं। दूतावास ने हमारी बहुत मदद की और सभी सुविधाएं मुहैया कराईं।" 

सीरिया में असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत

विद्रोहियों ने सीरिया में कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क पर भी नियंत्रण कर लिया था। विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) द्वारा दमिश्क पर नियंत्रण कर लिए जाने के बाद असद देश छोड़कर भाग गए, जिससे उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया। रूस की सरकारी मीडिया ने बताया कि असद मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी जाएगी। उनके लगभग 14 साल के कार्यकाल में गृहयुद्ध, रक्तपात और उनके राजनीतिक विरोधियों पर क्रूर दमन की घटनाएं हुईं।

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