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1984 anti-Sikh Riots: सिख विरोधी दंगों में दो और लोग गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए

1984 anti-Sikh Riots: साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में हुई हिंसा के मामलों दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने दो और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

Reported By : PTI Edited By : Swayam Prakash Published : Jul 06, 2022 18:06 IST, Updated : Jul 06, 2022 18:06 IST
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Image Source : AP Representational Image

Highlights

  • सिख विरोधी दंगा मामले में हुई दो और गिरफ्तारी
  • 1984 के सिख दंगों की जांच कर रही है एसआईटी
  • अबतक इस मामले में SIT ने किए 13 लोग गिरफ्तार

1984 anti-Sikh Riots: साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में हुई हिंसा के मामलों दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने दो और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी अब तक कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 

दोनों अभियुक्तों के खिलाफ लगी ये धाराएं

एसआईटी के उपमहानिरीक्षक बालेंद्र भूषण सिंह ने बताया कि नौबस्ता थाने में दर्ज दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में बुधवार को सिद्ध गोपाल गुप्ता उर्फ बब्बू (66) और जितेन्द्र कुमार तिवारी उर्फ राजा बाबू (58) को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सिंह ने बताया कि पकड़े गए दोनों अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 396 (डकैती और हत्या) तथा 436 (किसी घर को ध्वस्त करने के लिए विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करना) के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। 

96 मुख्य संदिग्धों में से मर चुके 22 लोग

बता दें कि 1984 में कानपुर में हुए दंगों के मामलों में 11 फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। राज्य सरकार ने कानपुर में सिख विरोधी दंगों के मामले में फिर से जांच के लिए तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के मामलों में कुल 96 मुख्य संदिग्ध चिह्नित किए थे, जिनमें से 22 की मृत्यु हो चुकी है। 

1984 में भड़के थे  सिख विरोधी दंगे

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद फैले सिख विरोधी दंगों में लगभग पांच हजार निर्दोष सिखों की हत्या की बात कही जाती है। यूपी के कानपुर में भी 1984 के दौरान सिख दंगा भड़क गया था। जिसमें 127 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। सिख विरोधी दंगे में जान गवाने 127 लोगों के परिवार आज भी न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं। 

कानपुर के किदवई नगर थाना क्षेत्र स्थित निराला नगर में एक बिल्डिंग में दर्जनों सिख परिवार रहते थे। 01 नवंबर 1984 को दंगाईयों की भीड़ ने तीन मंजिला इमारत पर धावा बोल दिया था। दंगाईयों ने चार सिखों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। जिसमें दंगाईयों ने रक्षपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह को बिल्डिंग से नीचे फेंक दिया था। वहीं गुरूदयाल सिंह भाटिया और बेटे सतवीर सिंह भाटिया को गोली मार दी थी। इसके बाद दंगाईयों ने बिल्डिंग में लूटपाट करने के बाद आग के हवाले कर दिया था।

 

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