श्रीनगर: पुलवामा आतंकी हमले में शामिल 19 आतंकवादियों में से आठ मारे गए और सात को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीन पाकिस्तानी सहित चार अभी भी जीवित हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले की चौथी बरसी पर यह जानकारी दी। लेथपोरा स्मारक पर पुलवामा हमले के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद अतिरिक्त डीजीपी (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा कि तीन पाकिस्तानियों सहित चार अभी भी जीवित हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने घटना के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद के लगभग सभी टॉप कमांडर्स को निष्प्रभावी कर दिया है।
उन्होंने कहा, वर्तमान में जैश के केवल 7-8 स्थानीय और मोसा सोलेमानी सहित 5-6 सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी हैं। पुलिस उनको जल्द बेअसर कर देगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हम 41 लाख रुपये वसूलने में सफल रहे हैं और हाल ही में बारामूला में 26 लाख रुपये वसूले गए हैं।' उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ दर्ज मामलों का तेजी से निस्तारण किया जा रहा है। ऐसे मामलों की संख्या पिछले साल अक्टूबर में 1,600 से घटकर वर्तमान में 950 हो गई है और अब तक 13 लोगों को सजा भी हो चुकी है।
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में 37 स्थानीय आतंकवादी एक्टिव हैं और उनमें से केवल दो, जिनमें फारूक नल्ली और रियाज छत्री शामिल हैं, पुराने हैं जबकि बाकी हाल ही में शामिल हुए हैं। महानिरीक्षक (IG) संचालन सेक्टर सीआरपीएफ, एम.एस. भाटिया ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद से जमीनी स्तर पर स्थिति में सुधार हुआ है और सुरक्षा बलों द्वारा उठाए गए कदमों को देखते हुए इस तरह के हमले कभी नहीं होंगे।
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भाटिया ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर हमले कायरतापूर्ण कार्य है। ऐसे हमलों को रोकने के उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा, हम अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस संबंध में शामिल कई मॉड्यूल को बेअसर कर दिया गया है। सीआरपीएफ, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई बड़ा नुकसान करने से पहले आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया जा रहा है।