Wednesday, November 20, 2024
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Liquor Ban: बिहार में शराब बंदी का उड़ा माखौल, जाने क्यों देसी पीने से मर रहे हैं लोग

Liquor Ban: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत होनी शूरु हो गई है। सारण जिले में अबतक 11 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने कारण से हो गई है। वहीं 17 लोगों के आखों की रौशनी चली जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक, 9 लोग पीएमसीएच में भर्ती है इनकी हालत भी काफी खराब बताई जा रही है।

Written By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: August 05, 2022 18:57 IST
Liquor Ban- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Liquor Ban

Highlights

  • 17 लोगों के आखों की रौशनी चली जा चुकी है
  • जहरीली शराब बनाने की वैसे तो कोई प्रक्रिया नहीं है
  • देसी शराब को अत्यधिक नशीला बनाने के लिए इसमें मेथनॉल, ऑक्सीटॉसिन और यूरिया मिलाया जाता है

Liquor Ban: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत होनी शूरु हो गई है। सारण जिले में अबतक 11 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने कारण से हो गई है। वहीं 17 लोगों के आखों की रौशनी चली जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक, 9 लोग पीएमसीएच में भर्ती है इनकी हालत भी काफी खराब बताई जा रही है। ये घटना सारण जिले के मकेर थानी की है। हाल के दिनों में बिहार के कई अन्य जिलों में जहरीली शराब पीन से लोगों की मौत हो गई थी। अब आप हैरान होंगे कि बिहार में तो पूर्ण शराब बंदी चल रही है तो शराब कहां से मिल रहे हैं। बिहार में शराब सिर्फ नाम का बंद है, स्थानीय लोग बताते हैं कि बिहार के शराब बंदी के बाद और भी शराब की बिक्री बढ़ी है। इनमें कई युवाओं का जीवन खराब हो रहा है। बेरोजगार युवा तेजी से इस अवैध व्यापार में शामिल होते जा रहे हैं। लोगों ने प्रशासन के ऊपर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस के मिलीभगत से ये पूरा कारोबार चल रहा है।

देसी ही जहरीली शराब है

जहरीली शराब बनाने की वैसे तो कोई प्रक्रिया नहीं है लेकिन देसी शराब या कच्ची शराब बनाते समय कुछ चीजों की अत्यधिक प्रयोग करने के कारण से देसी शराब जहरीली शराब के रूप में बन जाती है। देसी शराब कैसे बनाई जाती है और किस वजह से ये जहरीली शराब का रूप लेता है, आप जानकर दंग रह जाएंगे। देसी शराब बनाने के लिए मुख्य तौर पर खजूर या गन्ने की रस और महुआ के फूल, चीनी, जौ, मकई, खराब संतरे और सड़े हुए अंगूर, आलू इत्यादि प्रयोग किया जाता है, ये सभी स्टार्च वाली प्रोडक्ट है, इन चीजों का सबसे पहले इनमें इस्ट मिलाकर फॉर्मेटेशन किया जाता है। सरल भाषा में फर्मेंटेशन का मतलब है कि रासायनिक प्रक्रिया से किसी पदार्थ को किसी नए पदार्थ में शक्ल देना। फर्मेंटेशन के बाद इन सभी चीजों को पूरी तरह से सड़ाया जाता है और सर आने के लिए ऑक्सीटॉसिन जैसे केमिकल प्रयोग किए जाते हैं। इन सभी प्रोसेस के बाद मिट्टी के भीतर गाड़कर भट्टी पर चढ़ाया जाता है, और भट्टी से निकलने वाले भापों से शराब बनाई जाती है। अब तक ये देसी शराब के शक्ल में है लेकिन अब जो मैं आपको बताने जा रहा हूं यहीं से देसी शराब जहरीली शराब बन जाता है। देसी शराब को अत्यधिक नशीला बनाने के लिए इसमें मेथनॉल, ऑक्सीटॉसिन और यूरिया मिलाया जाता है, जिसके बाद देसी शराब का रूप जहरीली शराब में बदल जाता है।

ऐसे जान लेती है जहरीली शराब 

देसी शराब बनाने की प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक यूरिया और ऑक्सीटॉसिन से देसी शराब मेथिल अल्कोहल बन जाता है जो कि इंसानों के लिए जानलेवा साबित होता है। अब आपके मन सवाल उठ रहा होगा कि ये मेथिल अल्कोहल क्या होता है? आपको आसान भाषा में बताते हैं। मिथाइल अल्कोहल, मेथिल अल्कोहल और मेथनॉल ये तीनो एक ही नाम है। इस केमिकल को अल्कोहल ग्रुप का पहला सदस्य भी माना जाता है। इसे कास्ट स्प्रिट भी कहा जाता है। इंसान जब इसकी सेवन करता है तो ये केमिकल सीधे शरीर के अंगों पर हमला करती है जिसके बाद बॉडी का मूवमेंट बंद हो जाता है और इंसान फिर मौत का शिकार हो जाता है

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