Friday, January 10, 2025
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ताशकंद में उस रात क्या हुआ था? रहस्य बनकर रह गई लाल बहादुर शास्त्री की मौत

पंडित जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद लाल बहादुक शास्त्री करीब डेढ़ साल भारत के प्रधानमंत्री रहे। आसान नहीं थी पंडित नेहरू के बनाए गए छवि को मैच करना। लेकिन लाल बहादुर शास्त्री बखूबी अपनी काबिलियत को दुनिया के सामने साबित किया। यह अलग बात है कि पीएम रहते ही उनकी मौत हो गई और ये हमारे देश का दुर्भाग्य था।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jan 10, 2025 21:12 IST, Updated : Jan 10, 2025 21:13 IST
lal bahadur shastri
Image Source : PTI लाल बहादुर शास्त्री की फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश के दूसरे प्रधानमंत्री और ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री का 11 जनवरी 1966 को निधन हुआ था। अपनी साफ-सुथरी छवि और सादगी के लिए प्रसिद्ध शास्त्री ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद नौ जून 1964 को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। शास्त्री करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी।

ताशकंद समझौते से नाराज थीं शास्त्री की पत्नी

ताशकंद समझौते के बाद शास्‍त्री दबाव में थे। जानकार बताते हैं कि पाकिस्‍तान को हाजी पीर और ठिथवाल वापस देने की वजह से देश में शास्त्री की आलोचना हो रही थी। तब सीनियर जर्नलिस्ट कुलदीप नैयर उनके मीडिया सलाहकार थे। नैयर ने ही शास्‍त्री के मौत की खबर उनके परिजनों को बताई थी। बीबीसी को दिए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था कि हाजी पीर और ठिथवाल को पाकिस्‍तान को दिए जाने से शास्‍त्री की पत्‍नी खासी नाराज थीं। यहां तक उन्‍होंने शास्‍त्री से फोन पर बात करने से भी मना कर दिया था। इस बात से शास्‍त्री को बहुत चोट पहुंची थी।

अगले दिन जब शास्‍त्री के मौत की खबर मिली तो पूरे देश के साथ वह भी हैरान रह गई थीं। कई लोग जहां दावा करते हैं कि शास्‍त्री जी को जहर देकर मारा गया। तो, वहीं कुछ लोग कहते हैं उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।

राजा कॉन्स्टेंटाइन का निधन

11 जनवरी 2023 को यूनान के पूर्व एवं अंतिम राजा कॉन्स्टेंटाइन का एथेंस के एक निजी अस्पताल हेगिया में निधन हो गया। कॉन्स्टेंटाइन 82 वर्ष के थे। वर्ष 1964 में 23 साल की उम्र में कॉन्स्टेंटाइन द्वितीय के तौर पर उन्होंने सिंहासन ग्रहण किया था। नौकायन में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के कारण वह पहले ही बहुत लोकप्रिय थे और राजा बनने के बाद उनकी शोहरत में इजाफा हुआ। हालांकि 1967 में सैन्य तख्तापलट के बाद कॉन्स्टेंटाइन ने सैन्य शासकों से लोहा लिया और उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ा।

तानाशाही ने 1973 में राजशाही को समाप्त कर दिया और 1974 में लोकतंत्र बहाल होने के बाद हुए जनमत संग्रह ने कॉन्स्टेंटाइन के फिर से शासन करने की हर उम्मीद को तोड़ दिया। इसके बाद के दशकों में उनकी यूनान यात्राओं में बेहद कमी आई और हर बार उनकी यात्रा के दौरान राजनीतिक तूफान ही खड़ा हुआ। जीवन के आखिरी कुछ वर्षों में वह अपने गृह देश में बसने में कामयाब हुए। कॉन्स्टेंटाइन का जन्म दो जून 1940 को एथेंस में हुआ था। उनके पिता प्रिंस पॉल और मां हनोवर की राजकुमारी फेडेरिका थीं।

देश-दुनिया के इतिहास में 11 जनवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्‍वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है-

1569: इंग्लैंड में पहली लॉटरी की शुरुआत।

1613: मुगल बादशाह जहांगीर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को सूरत में फैक्टरी लगाने की इजाजत दी।
1922: डायबिटीज के मरीजों को पहली बार इंसुलिन दी गई।
1942: द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने कुआलालंपुर पर कब्जा किया।
1954: बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्‍यार्थी का जन्‍म।
1962: पेरू के उत्तरी-पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र में पत्थरों और बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानों के सरकने से कई गांव और शहर उसकी तह के नीचे दब गए, घटना में कम से कम दो हज़ार लोगों की मौत हुई।
1966: तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री का ताशकंद में निधन। वह वहां पाकिस्तान के साथ शिखर बैठक में हिस्सा लेने गए थे।
1972: बांग्लादेश को पूर्वी जर्मनी ने मान्यता प्रदान की।
1998: अल्जीरिया की सरकार ने दो गांवों पर हुए हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया। इन हमलों में 100 लोगों की मौत हो गई थी।
2001: भारत और इंडोनिशया के बीच पहली बार रक्षा समझौता।
2021: विरासत संरक्षण समिति ने भारत के नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दी।
2021: पोप फ्रांसिस ने गिरजाघर के नियमों में बदलाव कर महिलाओं को प्रार्थना के दौरान गोस्पेल पढ़ने सहित अन्य कार्य करने की अनुमति दी। हालांकि, उनके पादरी नहीं बनने के नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया।
2023: अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) में कंप्यूटर की खराबी के बाद अमेरिका में सैकड़ों विमानों की आवाजाही ठप हो गई।

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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