त्रिपुरा में अब मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों सहित सदन के अध्यक्ष और विधायकों की बल्ले बल्ले हो गई है। विधानसभा ने बुधवार को उस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सदन के अध्यक्ष और विधायकों के वेतन, भत्तों और पेंशन में लगभग 100 फीसदी की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है। विधेयक में मुख्यमंत्री को 97,000 रुपये का मासिक वेतन और 13,000 रुपये का सत्कार भत्ता, जबकि मंत्रियों और विपक्ष के नेता को 12,000 रुपये प्रति माह के भत्ते के साथ 95,000 रुपये वेतन तथा विधायकों को 12,000 रुपये प्रति माह के भत्ते के साथ 93,000 रुपये वेतन देने का प्रावधान किया गया है।
जानें विपक्ष ने इसपर क्या कहा
बता दें कि पहले त्रिपुरा में सीएम, कैबिनेट मिनिस्टर्स और विधायकों को 50,000 से 48,000 रुपये तक वेतन मिलता था। संसदीय कार्य मंत्री रतन लाल नाथ ने विधानसभा में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक और विधायकों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभ संशोधन विधेयक 2024 को पेश किया। इसपर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जितेंद्र चौधरी ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विधायकों के वेतन और पेंशन में लगभग 100 फीसदी की बढ़ोतरी उचित तो नहीं थी।
उन्होंने इसके साथ ये भी कहा कि, “सांसदों के वेतन और पेंशन में नियमित अंतराल पर बढ़ोतरी करना सामान्य बात है, लेकिन यह प्रक्रिया उचित तरीके से की जानी चाहिए। हालांकि, मैं सांसदों को मिलने वाले वेतन-भत्तों व अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के खिलाफ नहीं हूं।”
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने कहा, “कुछ विधायक चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल के रूप में हर महीने 25,000 रुपये से 30,000 रुपये ले रहे हैं। ऐसा लगता है कि हमारे पास बीमार ही विधायक हैं। विधायकों के लिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल के संबंध में एक ऊपरी सीमा लागू होनी चाहिए।”
संसदीय कार्यमंत्री ने दी सहमति
हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री ने विधेयक का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि बढ़ोतरी के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों को सबसे कम वेतन और भत्ते मिलेंगे। उन्होंने कहा, “हमने छह साल के अंतराल के बाद अपने विधायकों के लिए संशोधित वेतन, पेंशन और अन्य लाभों का प्रस्ताव रखा है। हमारे मंत्री और विधायक राज्य के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्हें सरकार से समर्थन की जरूरत है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की गई है।”