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राजस्थान में जीका वायरस के 29 मामले पॉजिटिव, PMO ने मांगी रिपोर्ट

जयपुर के निर्धारित इलाके में सभी संदिग्ध मामलों को और इस इलाके के मच्छरों के नमूनों की जांच की जा रही है। विषाणु शोध एवं रोग पहचान प्रयोगशालाओं को अतिरिक्त जांच किट मुहैया की गई हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : October 09, 2018 13:35 IST
राजस्थान में फैल रहा जीका का कहर, हाई अलर्ट पर स्वास्थ्य मंत्रालय, PMO ने मांगी रिपोर्ट
राजस्थान में फैल रहा जीका का कहर, हाई अलर्ट पर स्वास्थ्य मंत्रालय, PMO ने मांगी रिपोर्ट

नयी दिल्ली: राजस्थान में घातक जीका वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है, राज्य में अतीरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अबतक राज्य में जीका वायरस को लेकर 29 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं।

इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय ने जीका विषाणु से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद इस विषाणु के प्रसार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है। राजस्थान के जयपुर में इस विषाणु (वायरस) से संक्रमित हुए लोगों में एक व्यक्ति बिहार का निवासी है और वह हाल ही में सीवान जिले स्थित अपने घर गया था। बिहार ने अपने सभी 38 जिलों को परामर्श जारी कर उन लोगों पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया है, जिनमें जीका विषाणु के संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हों।

सीवान निवासी जयपुर में पढाई करता है। वह 28 अगस्त और 12 सितंबर के बीच एक परीक्षा में शामिल होने के लिए घर गया था। उसके परिवार के लोगों को निगरानी के तहत रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीएमओ ने जयपुर में जीका विषाणु के प्रसार पर एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है।

नियंत्रण उपायों में राजस्थान सरकार की मदद के लिए सात सदस्यीय एक उच्च स्तरीय टीम जयपुर में है। साथ ही, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में एक नियंत्रण कक्ष सक्रिय किया गया है ताकि हालात की नियमित निगरानी की जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर पर हालात की समीक्षा की जा रही है। मंत्रालय ने एक बयान में सोमवार को कहा कि आज की तारीख तक कुल 29 मामलों की पुष्टि हुई है।

जयपुर के निर्धारित इलाके में सभी संदिग्ध मामलों को और इस इलाके के मच्छरों के नमूनों की जांच की जा रही है। विषाणु शोध एवं रोग पहचान प्रयोगशालाओं को अतिरिक्त जांच किट मुहैया की गई हैं। राज्य सरकार को जीका विषाणु और इसकी निवारण रणनीतियों के बारे में जाकगरूता पैदा करने के लिए सूचना और जानकारी मुहैया की गई है।

अधिकारी ने बताया कि इलाके में सभी गर्भवती महिलाओं की निगरानी की जा रही है। जीका विषाणु जनित रोग दुनिया भर के 86 देशों में दर्ज किया गया है। भारत में जनवरी और फरवरी 2017 में पहली बार इसके प्रसार की पुष्टि अहमदाबाद में हुई थी। इसके बाद तमिलनाडु में भी इसकी पुष्टि हुई थी।

भारत में कब से आया जानलेवा जीका

विषाणु शोध एवं रोग पहचान प्रयोगशालाओं को अतिरिक्त जांच किट मुहैया की गई हैं। राज्य सरकार को जीका वायरस और इसकी निवारण रणनीतियों के बारे में जाकगरूता पैदा करने के लिए सूचना और जानकारी मुहैया की गई है। अधिकारी ने बताया कि इलाके में सभी गर्भवती महिलाओं की निगरानी की जा रही है। जीका विषाणु जनित रोग दुनिया भर के 86 देशों में दर्ज किया गया है। भारत में जनवरी और फरवरी 2017 में पहली बार इसके प्रसार की पुष्टि अहमदाबाद में हुई थी। इसके बाद तमिलनाडु में भी इसकी पुष्टि हुई थी।

जीका से बचाने की वैक्सीन नहीं
अब तक जीका वायरस से निपटने के लिए कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है। फिलहाल तो हर हाल में मच्छरों के काटने से बचना ही एकमात्र उपाय है। जीका वायरस की पहली बार पहचान 1947 में हुई। इस वायरस का ब्राजील में बीते साल मई में पता चला था। यहां करीब डेढ़ लाख लोग इस वायरस से प्रभावित थे।

इन लक्षणों से पहचानें
जीका वायरस से संक्रमित हर 5 में से 1 व्यक्ति में ही इसके लक्षण दिखते हैं। वायरस के शिकार लोगों में जॉइंट पेन, आंखें लाल होना, उल्टी आना, बेचैनी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके शिकार कुछ ही मरीज को ऐडमिट करने की नौबत आती है। जीका वायरस के मरीज कंप्लीट बेड रेस्ट लें।

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