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युवा दिवस विशेष: स्वामी विवेकानंद की कही 10 अनमोल बातें जो बदल देगी आपकी जिंदगी

गुलाम भारत में जो बातें स्वामी विवेकानंद ने अपने प्रवचनों में कही थी उन पर देश के लाखों युवा फिदा हो गए थे...

Edited by: India TV News Desk
Published on: January 11, 2018 22:54 IST
swami vivekananda- India TV Hindi
swami vivekananda

नई दिल्ली: 'उठो, जागो और तब तक रुको नहीं, जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए', 'यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दूसरों के लिए जीते हैं, वे वास्तव में जीते हैं।' गुलाम भारत में ये बातें स्वामी विवेकानंद ने अपने प्रवचनों में कही थी। उनकी इन बातों पर देश के लाखों युवा फिदा हो गए थे। बाद में तो स्वामी की बातों का अमेरिका तक कायल हो गया।

12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता (अब कोलकाता) के गौरमोहन मुखर्जी स्ट्रीट के एक कायस्थ परिवार में विश्वनाथ दत्त के घर में जन्मे नरेंद्रनाथ दत्त (स्वामी विवेकानंद) को हिंदू धर्म के मुख्य प्रचारक के रूप में जाना जाता है। नरेंद्र के पिता पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वह चाहते थे कि उनका पुत्र भी पाश्चात्य सभ्यता के मार्ग पर चले। मगर नरेंद्र ने 25 साल की उम्र में घर-परिवार छोड़कर संन्यासी का जीवन अपना लिया। परमात्मा को पाने की लालसा के साथ तेज दिमाग ने युवक नरेंद्र को देश के साथ-साथ दुनिया में विख्यात बना दिया।

नरेंद्रनाथ दत्त के 9 भाई-बहन थे, पिता विश्वनाथ कलकत्ता हाईकोर्ट में वकील हुआ करते थे और दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और पारसी के विद्वान थे। अपने युवा दिनों में नरेंद्र को अध्यात्म में रुचि हो गई थी। वह अपना अधिक समय शिव, राम और सीता की तस्वीरों के सामने ध्यान लगाकर साधना किया करते थे। उन्हें साधुओं और संन्यासियों के प्रवचन और उनकी कही बातें हमेशा प्रेरित करती थीं।

swami vivekananda quotes

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विवेकानंद की कही ये 10 खास बातें-

1 उठो, जागो और तब तक रुको नहीं, जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए

2. यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है, लेकिन जो दूसरों के लिए जीते हैं, वे वास्तव में जीते हैं

3. जब तक जीना, तब तक सीखना', अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है

4. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है

5. दिल दिमाग के टकराव में दिल की सुनो

6. पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है

7. जो तुम सोचते हो वह हो जाओगे. यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे

8. संभव की सीमा जानने केवल एक ही तरीका है असम्भव से आगे निकल जाना

9. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते

10. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी

thoughts swami vivekananda

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स्वामी विवेकानंद ने युवाओं में चेतना भरने के लिए कहा था कि आज के युवकों को शारीरिक प्रगति से ज्यादा आंतरिक प्रगति करने की जरूरत है। आज के युवाओं को अलग-अलग दिशा में भटकने की बजाय एक ही दिशा में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। और अंत तक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। युवाओं को अपने प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। अध्यात्म के क्षेत्र में किए गए उनके कार्यो को देखते हुए हर साल उनकी जयंती 12 जनवरी को 'युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

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