लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार की वजह राज्य में पूर्व में रही कांग्रेस सरकारों के दौरान हुआ जमीन घोटाला है, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस वार्ता के दौरान इस तरह का बयान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र में जिस जमीन को लेकर नरसंहार हुआ वह जमीन पहले ग्राम सभा की होती थी, बाद में उसे किसी आदर्श सोसाइटी के नाम किया गया, फिर जमीन को कुछ लोगों को बेचा गया, लेकिन इन तमाम घटनाक्रमों के बाद भी आदिवासी समाज के जो लोग बहुत पहले से जमीन पर खेती कर रहे थे उन्होंने जमीन पर किसी को नाजायज कब्जा नहीं करने दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि सोनभद्र में जमीन पर कब्जा करने में विफल रहे लोगों ने बाद में इस जमीन को वहां के प्रधान को बेच दिया और प्रधान ने जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करने के लिए नरसंहार को अंजाम दिया।
मुख्यमंत्री ने बताया सबसे पहले 1955 के दौरान ग्राम सभा की जमीन को गलत तरीके से आदर्श सोसाइटी के नाम किया गया, उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जमीन को हड़पने के लिए ही आदर्श सोसाइटी का गठन किया गया था। इसके बाद 1989 में आर्दश सोसाइटी की जमीन को कुछ बड़े अधिकारियों के नाम कर दिया गया, जिनमें कुछ बिहार कैडर के भी अधिकारी थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके बाद भी जब गलत तरीके से जमीन के मालिक बने लोग जमीन का कब्जा लेने में नाकाम रहे तो उन्होंने 2017 में जमीन को ग्राम प्रधान को बेच दिया। ग्राम प्रधान ने इस जमीन पर कब्जा करने के लिए ही दो दिन पहले आदिवासियों पर गोलियां चलाई और सोनभद्र नरसंहार को अंजाम दिया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले की पूरी जांच के लिए सरकार की तरफ से कमेटी गठित कर दी गई है और कमेटी को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले की पूरी जांच होगी और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, वह चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।