अहमदाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गुजरात में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धरती पर योगी का भव्य स्वागत हुआ। ये स्वागत उन संबंधों का था जो आज से 30 बरस पहले बने थे। योगी आदित्यनाथ के एक गुरुभाई हुआ करते थे नाम था संत गुलाबनाथ। संत गुलाबनाथ जन्म से तो मुस्लिम थे पर बड़े होकर वो नाथ संप्रदाय के प्रतिष्ठित संत बने। सबसे खास बात ये थी कि योगी आदित्यनाथ और संत गुलाबनाथ दोनों एक ही गुरु के शिष्य भी हैं। योगी आदित्यनाथ आज अपने उन्हीं गुरुभाई को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
योगी आदित्यनाथ के मुस्लिम 'भाईजान'
गुजरात के विसनगर में संतों का मेला लगा। इस मेले में महंत योगी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। सीएम योगी थे और उनके साथ गुजरात के सीएम और डिप्टी सीएम भी मौजूद थे। सीएम योगी का ये गुजरात दौरा बेहद खास है। सीएम योगी यहां अपने उस मुस्लिम गुरुभाई को सम्मान देने पहुंचे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। 2016 में योगी के गुरुभाई गुलाबनाथ बापू का देहांत हो चुका है। लिहाजा उनके सम्मान में आज विसनगर में उनकी मूर्ति स्थापित कई गई। सीएम योगी ने अपने भाईजान की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की। इस मौके पर एक भव्य भंडारे का भी आयोजन हुआ जिसमें गुजरात के साथ साथ पूरे देश आए साधु-संत शामिल हुए।
जानिए योगी के मुस्लिम 'भाई' का राज़
दिलचस्प बात ये है कि गुलाबनाथ जी महाराज का जन्म गुजरात के मुस्लिम परिवार में हुआ था। तब उनका नाम गुल मोहम्मद पठान था लेकिन बाद में उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। उन्होंने नाथ संप्रदाय की दीक्षा ले ली। इसी के साथ गुल मोहम्मद महंत गुलाबनाथ बन गए। संत गुलाबनाथ के निधन को अब करीब डेढ़ बरस होने जा रहा है। जब वो जीवित थे तो योगी आदित्यनाथ और वो अक्सर मिला करते थे। लेकिन, कहा जाता है कि संतों का रिश्ता मृत्यु से नहीं टूटता। योगी आदित्यनाथ आज जब अपने गुरुभाई को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो उनका स्वागत उसी तरह से हुआ, जैसे संत गुलाबनाथ के रहते हुए हुआ करता था। योगी ने गुजरात के मेहसाणा में आज तीस साल के हर के पल को याद किया कि कैसे दोनों ने एक ही गुरु से दीक्षा ली और फिर नाथ संप्रदाय को आगे बढ़ाने के लिए संत गुलाबनाथ ने कैसे अपना पूरा जीवन लगा दिया।
ऐसे मजबूत हुआ गुरुभाइयों का रिश्ता
करीब 30 साल पहले की बात है। उन दिनों योगी अपने गुरु अवैद्यनाथ से नाथ संप्रदाय की दीक्षा ले रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात संत गुलाबनाथ से हुई। गुलाबनाथ जी भी अवैद्यनाथ से दीक्षा ले रहे थे। गुलाबनाथ उम्र में योगी से काफी बड़े थे बावजूद इसके दीक्षा के दौरान ही दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। इसके बाद बढ़ते वक्त के साथ दोनों गुरुभाइयों का रिश्ता मजबूत होता गया।
जब गुलाबनाथ जी जिंदा थे, तो योगी अक्सर उनसे मिलने विसनगर के आश्रम जाया करते थे। योगी सांसद थे, लेकिन गुरुभाई जब भी याद करता था वो सीधे गुजरात पहुंच जाया करते थे। जब गुलाबनाथ बापू का 6 दिसंबर 2016 को 86 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था, उस वक्त योगी उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे। इस खास मौके पर सीएम योगी ने कहा कि गुलाबनाथ बापू का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, लेकिन हिंदू धर्म में उनकी गहरी आस्था थी। एक बार जब बापू गुलाबनाथ गोरखपुर मठ गए थे तो उन्हें योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी ने सम्मानित भी किया था।
'गुलाबनाथ भले ही मुस्लिम परिवार में जन्मे थे लेकिन हिंदू धर्म में उनकी गहरी आस्था थी'
खास मौके पर सीएम योगी ने पहले बापू गुलाबनाथ को नमन किया। फिर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की। कहा कि गुजरात का लौह पुरुष देश को तरक्की की नईं ऊंचाइयों पर लेकर जा रहा है। सीएम योगी ने अपने गुरुभाई बापू गुलाबनाथ को याद करते हुए कहा कि गुलाबनाथ भले ही मुस्लिम परिवार में जन्मे थे लेकिन हिंदू धर्म में उनकी गहरी आस्था थी। उन्होंने हिंदू धर्म को एक नई दिशा दी।