नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार (31 मई) को मन की बात कार्यक्रम के 65 संस्करण में देशवासियों के नाम अपने संबोधन में योग और आयुर्वेद का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में कई विश्व के नेताओं से बात हुई। उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद में होती है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) जल्द आने वाला है। योग को लेकर लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ने लगी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हॉलीवुड से हरिद्वार तक घर में रहते हुए लोग योग पर बहुत गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। हर जगह लोग योग और आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाह रहे हैं और उसे अपनाना चाहते हैं। कितने लोग ऑनलाइन योग टास्क से जुड़े हुए हैं और ऑनलाइन योग कर रहे हैं। कोरोना संकट के इस समय में योग इसलिए ज्यादा अहम है। क्योंकि यह वायरस हमारे स्वास सिस्टम को ज्यादा प्रभावित करता है। योग में श्वास सिस्टम को मजबूत कई प्रणायाम है जिनका असह हम लंबे समय से देख रहे हैं। कपालभाती और अनलोम विलोम से लोग परिचित हैं, लेकिन भस्त्रिका सीतली जैसे भी कई योग हैं।
आयुष मंत्रालय ने 'माई लाइफ माय योग' की प्रतियोगिता शुरू की है। पूरी दुनिया के लोग इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं अपना 3 मिनट का वीडियो अपलोड करना होगा और अपना योग आसन तथा उससे आपको मिले लाभ के बारे में बतना होगा। सभी इस प्रतियोगिता में इस नए तरीके से अंतरराष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में भागीदार बने।
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क, हाथ धोना जैसी सावधानियों का पालन करते रहें। कोरोना से अभी उतना ही खतरा है जितना पहले था। पीएम मोदी ने कहा कि आगामी 5 जून को पर्यावरण दिवस है। इस साल की थीम जैव-विविधता है। कितने ही ऐसे पक्षी ऐसे हैं जो गायब हो गए थे, लॉकडाउन में वे वापस लौटे। कई जानवर सड़कों पर घूमते दिखे। घर से दूर-दूर पहाड़ियां देख पा रहे हैं। कई लोगों को इससे प्रकृति के लिए कुछ करने का मन हुआ होगा। मोदी ने अम्फान और टिड्डी दल के हमले का जिक्र करते हुए कहा कि छोटा सा जीव कितना नुकसान कर सकता है। कोरोना वायरस लॉकडाउन में पीएम मोदी की यह तीसरी मन की बात है, मोदी अपनी सरकार बनने के बाद अबतक 65 बार मन की बात कार्यक्रम कर चुके हैं।