नई दिल्ली: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई सी मोदी को आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का प्रमुख नामित किया गया। मोदी उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित उस विशेष जांच दल का हिस्सा थे जिसने वर्ष 2002 के गुजरात दंगा मामलों की जांच की थी। संघीय जांच एजेंसी पर आतंकवाद और आंतकवाद के वित्तपोषण संबंधी मामलों की जांच का जिम्मा है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग डीओपीटी की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति एसीसी ने एनआईए के महानिदेशक के तौर पर मोदी की नियुक्ति को मंजूरी दी है। आदेश में कहा गया कि मोदी अपनी सेवानिवृत्ति यानि 31 मई, 2021 तक इस पद पर रहेंगे। एसीसी ने इसके साथ ही मोदी को तत्काल प्रभाव से एनआईए में विशेष ड्यूटी अधिकारी ओएसडी के तौर पर भी नियुक्ति को स्वीकृति दे दी।
असम-मेघालय काडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी मोदी फिलहाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में विशेष निदेशक हैं। आदेश के अनुसार वह शरद कुमार का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 30 अक्तूबर को पूरा हो रहा है। कुमार को जुलाई 2013 में एनआईए का डीजी नियुक्त किया गया था और उनका कार्यकाल दो बार बढ़ाया जा चुका है।
गत वर्ष अक्तूबर में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया था, परोक्ष रूप से इसलिए ताकि एजेंसी पठानकोट आतंकवाद मामला और आईएसआईएस से संबंधित विभिन्न मामलों की जांच पूरी कर सके। कुमार एनआईए के सबसे लंबे समय तक प्रमुख रहे हैं। उनके नेतृत्व में एजेंसी ने आतंकवाद के विापोषण से संबंधित मामलों की जांच शुरू की जिसमें कथित रूप से जम्मू कश्मीर में कुछ अलगाववादी शामिल हैं।
भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी, रजनी कांत मिश्रा को सशस्त्र सीमा बल एसएसबी का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। एसएसबी भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की रक्षा करता है।
डीओपीटी के आदेश में बताया गया है कि मिश्रा अपनी सेवानिवृत्ति की तिथि यानि 31 अगस्त, 2019 तक एसएसबी के महानिदेशक का पद संभालेंगे। उत्तर प्रदेश काडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी मिश्रा वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक हैं।