नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां यमुना के आस-पास के क्षेत्रों के समीप निचले इलाके में रह रहे 1000 से ज्यादा परिवारों को रविवार सुबह तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से नदी का जलस्तर बढ़कर 205.46 मीटर हो गया है।
31 जुलाई तक नदी का जलस्तर 206.60 मीटर तक बढ़ने की संभावना है। हरियाणा ने शनिवार शाम छह बजे बैराज से छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था। हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी को यहां पहुंचने में सामन्य तौर पर 72 घंटे लगते हैं। इसी बैराज से दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मुहैया कराया जाता है।
बाढ़ एवं नियंत्रण विभाग अधिकारी ने कहा, "प्रत्येक घंटे और पानी छोड़ा जाएगा, जिस वजह से यहां नदी के जलस्तर में वृद्धि होगी। हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं।" प्रीत विहार के नोडल अधिकारी अरुण गुप्ता ने कहा, "हमने पूर्वी क्षेत्र के 1000 परिवारों के लिए 750 टेंट लगाए हैं। उनके लिए खाने की भी व्यवस्था की जा रही है। हम नदी के समीप निचले इलाके में रह रहे लोगों को ऊंचे क्षेत्रों में पहुंचा रहे हैं।"
गुप्ता ने कहा, "किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए नावों को तैनात किया गया है। त्वरित प्रतिक्रिया टीम को भी आपात स्थिति के लिए तैनात किया गया है।" नदी के जलस्तर में ज्याद बढ़ोतरी के बाद, लोगों को शनिवार से ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
इन दिनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तेज बारिश हो रही है, जिस वजह से अधिकारी हथिनी कुंड बैराज में प्रतिदिन ज्यादा पानी छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। अधिकारियों ने केजरीवाल को आश्वस्त किया कि वे लोग अलर्ट हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। दिल्ली सरकार ने भी किसी आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैयार रहने का आग्रह किया है।