Thursday, November 21, 2024
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टिड्डी दल का पिछले 26 साल में सबसे बुरा हमला, अब झांसी पहुंचा टिड्डी दल, पंजाब में भी अलर्ट जारी

राजस्थान और मध्य प्रदेश में आतंक मचाने के बाद टिड्डियों का दल बुधवार को एक बार फिर उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंच गया और यह अब महाराष्ट्र के रामटेक शहर की ओर भी बढ़ सकता है। यह पिछले 26 साल में टिड्डी दल का सबसे बुरा हमला है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 28, 2020 12:34 IST
Worst attack in years: Locusts reach Jhansi, damage crops in Nagpur, Punjab too on alert- India TV Hindi
Image Source : PTI Worst attack in years: Locusts reach Jhansi, damage crops in Nagpur, Punjab too on alert

नयी दिल्ली: राजस्थान और मध्य प्रदेश में आतंक मचाने के बाद टिड्डियों का दल बुधवार को एक बार फिर उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंच गया और यह अब महाराष्ट्र के रामटेक शहर की ओर भी बढ़ सकता है। यह पिछले 26 साल में टिड्डी दल का सबसे बुरा हमला है। सामान्य तौर पर टिड्डी दल के प्रकोप से अछूता रहने वाले पंजाब में भी इस बार इनके हमले की आशंका है। फरीदाबाद स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह कोई नयी समस्या नहीं है और लंबे समय से हम इसका सामना कर रहे हैं। इस साल टिड्डी दल का प्रकोप 26 साल में सबसे भयावह है।’’ 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार राजस्थान के 21 जिले, मध्य प्रदेश के 18 जिले, गुजरात के दो जिले और पंजाब के एक जिले में अब तक टिड्डी दल पर काबू पाने के लिए कदम उठाये गये हैं। राजस्थान के कृषि विभाग ने जयपुर जिले में टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिये कीटनाशक के छिड़काव के लिये एक ड्रोन की मदद ली है। जयपुर जिले के चौमू के पास सामोद में ड्रोन का उपयोग किया गया। कृषि विभाग के आयुक्त ओमप्रकाश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने किराये पर लिये गये ड्रोन का उपयोग करना शुरू किया है और आने वाले कुछ दिनों की आवश्यकतानुसार और ड्रोन इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।’’ 

एलडब्ल्यूओ के अधिकारी ने कहा कि टिड्डों के प्रकोप को रोकने के समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। इससे पहले टिड्डी दल का प्रकोप राजस्थान और गुजरात तक था। लेकिन टिड्डों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने की वजह से वे जोरदार हवाओं की मदद से दूसरे इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र के अनुसार टिड्डी दलों ने करीब 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर हमला किया है। लेकिन गेहूं, दलहन और तिलहन जैसी रबी की फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है क्योंकि इनमें से अधिकतर की अब तक कटाई हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘अब पूरा ध्यान जून-जुलाई में मानसून आने से पहले प्रकोप रोकने पर है जब टिड्डियों में प्रजनन हो सकता है। अगर इसे नहीं रोका जा सका तो खरीफ की फसलों को खतरा हो सकता है।’’ एक टिड्डी दल बुधवार को झांसी जिले में पहुंचा। 

झांसी मंडल के कृषि उप निदेशक कमल कटियार ने बताया कि जालौन की सीमा के नजदीक झांसी की गरौठा तहसील के स्किल गांव के पास शाम करीब साढ़े चार बजे टिड्डियों का एक दल पहुंचा और उसे भगाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच लखनऊ में जारी एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिड्डी दल पर नियंत्रण करने के लिए प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों जैसे झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, इटावा एवं कानपुर देहात आदि जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। कटियार ने बताया कि यह दल लगभग एक किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है। 

टिड्डियों के हमले की आशंका के मद्देनजर दमकल वाहनों को पहले से ही तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि इन कीटों को भगाने के लिये कीटनाशकों का गहन छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही वाहनों पर डीजे तथा अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों को लगाकर शोर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि झांसी के समथर थाना क्षेत्र के दतावली गांव के पास भी टिड्डियों का एक छोटा दल देखा गया। उसे भी भगाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज दोपहर बाद तक टिड्डियों का समूह झांसी की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के दतिया जिले में था और हवा के रुख के हिसाब से उसके झांसी में प्रवेश करने की आशंका पहले से ही थी। 

उल्लेखनीय है कि गत 22 एवं 24 मई को टिड्डियों के एक बड़े समूह ने झांसी जिले के कुछ इलाकों पर हमला किया था, लेकिन पहले से ही सतर्क प्रशासन एवं ग्रामीणों की मदद से आधे से अधिक टिड्डियों को मार डाला गया था। टिड्डियों का दल चार दिन पहले महाराष्ट्र के नागपुर जिले में कटोल और परसियोनी में घुसा था। इस दल के रामटेक शहर की ओर बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। टिड्डियों का 17 किलोमीटर के इलाके में फैला दल पहले नागपुर जिले के कटोल के फेत्री, खानगांव के खेतों में घुसा। फिर शनिवार-रविवार रात वर्धा जिले के आश्ती ताल्लुका पहुंचा जहां कुछ इलाकों में संतरे और सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचाया और फिर सोमवार रात को परसियोनी तहसील की ओर बढ़ गया। 

कृषि विभाग के मंडलीय संयुक्त निदेशक रवि भोसले ने बताया कि अधिकारी बुधवार सुबह मौके पर पहुंच गए थे और टिड्डी दल की गतिविधि पर नजर रखना शुरू कर दिया है। पंजाब में भी टिड्डी दल के प्रकोप का खतरा है। कृषि निदेशक स्वतंत्र कुमार ऐरी ने कहा, ‘‘पूरे पंजाब में अलर्ट जारी किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष बनाये गये हैं और किसानों से किसी भी तरह की टिड्डी दल संबंधी गतिविधि की जानकारी देने को कहा गया है। जनवरी में पंजाब के फजिल्का और मुक्तसर जिलों में कुछ गांवों में टिड्डी दल देखे गये थे लेकिन तब उन पर प्रभावी तरीके से काबू पा लिया गया। मौजूदा हमला पिछले महीने शुरू हुआ जब पाकिस्तानी की तरफ से टिड्डी दल राजस्थान आया और अन्य पश्चिमी राज्यों में फैल गया।

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