हेडर-राफेल के आगे सब फेल
राफेल ब्रह्मोस जैसी 6 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ले जा सकता है। एयर टू एयर, एयर टू लैंड पर अटैक के साथ एटमी हमले में सक्षम है। बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ मिसाइल दाग सकता है। 5 हजार किलोग्राम वजनी बम या मिसाइल ढोने की क्षमता है। 10 घंटे तक नॉन स्टॉप उड़ान के साथ हवा में रिफ्यूल हो सकता है। एयरबेस या फिर एयरकाफ्ट कैरियर से उड़ान भरने में सक्षम है।
भारतीय वायुसेना में राफेल के शामिल होने से हमारी हवाई ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल के आने से पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ जाएगा क्योंकि उनके पास जो फाइटर प्लेन हैं राफेल उनसे कहीं बेहतर है। फ्लाइंग रेंज के मामले में राफेल सबसे आधुनिक है।
नहीं है राफेल का मुकाबला
-राफेल एक बार में 3700 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है।
-पाकिस्तान का जेएफ-17 महज 3400 किलोमीटर उड़ सकता है
-चीन का सुखोई-27 सिर्फ 3500 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है
-राफेल 6 सुपरसोनिक क्रूल मिसाइल ले जा सकता है।
जबकि जेएफ 17 और सुखोई 27 सिर्फ पांच क्रूज मिसाइल से लैस हो सकते हैं तो साफ है फ्रांस के इस फाइटर प्लेन का मुकाबला करने का माद्दा दुनिया के बड़े से बड़े फाइटर प्लेन में नहीं है और सोचिए जब राफेल इंडियन एयरफोर्स में शामिल हो जाएगा तो देश की आसमानी जंगी ताकत कितनी मजबूत हो जाएगी।