नई दिल्ली: दुनिया का सबसे खतरनाक फाइटर प्लेन राफेल बहुत जल्द भारतीय एयरफोर्स का हिस्सा बनने वाला है लेकिन इस विमान ने देश में राजनीतिक भूचाल मचा रखा है। कांग्रेस इस विमान के सौदा पर राष्ट्रीय हित एवं सुरक्षा के साथ सौदा करने का आरोप लगाया है और कहा कि इसमें घोटाले की बू आ रही है क्योंकि सौदे के लिए बातचीत में कोई पारदर्शिता नहीं है जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने 'बेबुनियाद' बताया और दावा किया कि 'भ्रामक बयान' से 'गंभीर क्षति' हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे को लेकर ट्वीट के जरिये सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘अति गोपनीय (वितरण के लिए नहीं)। आरएम (रक्षा मंत्री) कहती हैं कि प्रत्येक राफेल विमान के लिए प्रधानमंत्री और उनके ‘भरोसेमंद’ मित्र के बीच हुई बातचीत एक राजकीय गोपनीयता है।’’ वहीं मोदी सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि राजग सरकार के अंतर्गत यह सौदा क्षमता, मूल्य, सामग्री, वितरण, रखरखाव, प्रशिक्षण की बेहतर शर्तों पर किया गया है, जबकि संप्रग सरकार 10 वर्षो में इस सौदे को अमलीजामा नहीं पहना सकी थी।
बता दें कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और प्रधानमंत्री मोदी के बीच 36 राफेल फाइटर प्लेन की डील पक्की हो गई है और इसी के साथ भारत को वो सुपर फाइटर प्लेन मिलने का रास्ता साफ हो गया है जो जंग के हालात में चीन और पाकिस्तान को पानी मांगने पर मजबूर कर सकते हैं।
फाइटर 'राफेल' आएगा, डर जाएगा पाक
राफेल फाइटर प्लेन बहुत जल्द भारतीय वायु सेना में शामिल होने वाला है। आसमान का सीना चीरता हुआ ये वो लड़ाकू विमान है जिसकी गरज से दुश्मन देश पाकिस्तान का दिल दहल जाएगा। हवाई जंग का ये वो बेताज बादशाह है जो किसी भी युद्ध का अंजाम बदल सकता है। जमीन ने हवा तक और पानी से जमीन तक इस फाइटर प्लेन का कोई मुक़ाबला कर ही नहीं सकता है।
फ्रांस का ये बेहतरीन जंगी जहाज उन प्लेन्स में शामिल है जिसके हमले दुश्मन की रीढ़ तोड़ने की ताक़त रखते हैं। लंबे वक्त से नए फाइटर प्लेन के लिए तरस रही भारतीय वायु सेना के लिए राफेल का साथ किसी संजीवनी से कम नहीं होगा।
36 राफेल करेंगे भारत की हवाई सुरक्षा
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भारत की यात्रा पर हैं और इसी दौरान प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात में 36 फाइटर प्लेन राफेल की डील सील हो गई है। दोनों देशों ने इसका ऐलान भी कर दिया है कि बहुत जल्द राफेल हिंदुस्तान की एयरफोर्स का हिस्सा होकर दुश्मनों पर कहर बरपाने के लिए तैयार हो जाएगा। कुछ फाइनेंशियल मु्ददों को छोड़ दें तो भारत और फ्रांस के बीच इस फाइटर प्लेन राफेल की डील हो चुकी है। दरअसल फ्रांस के 36 राफेल फाइटर जेट की खरीद का सिलसिला तो साल 2007 में शुरु हुआ था लेकिन कई प्लेन्स को पीछे छोड़कर राफेल ने बाजी मारी थी लेकिन मामला अटक गया था। करीब 10 महीने पहले जब मोदी फ्रांस की यात्रा पर गए थे तो उस दौरान 36 राफेल की खरीद पर सहमति बनी थी...जो अब पूरी होने वाली है।
हिंदुस्तान की ताकत बढ़ाएगा राफेल
36 राफेल फाइटर जेट की ये पूरी डील 60 हजार करोड़ रुपये की है। राफेल प्लेन अगले 2 सालों में भारतीय वायु सेना में शामिल हो सकते हैं। दरअसल राफेल की भारत के लिए इतना अहम क्यों है ये जानना बेहद जरुरी है। दरअसल फ्रांस का फाइटर प्लेन राफेल बेहद एडवांस तकनीक से लैस है और इसमें डबल जेट इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे बाकी लड़ाकू जहाजों से अलग बनाते हैं। ये मिग 21, मिग 27 और सुखोई 30 जैसे लड़ाकू विमानों से हर मामले में बहुत आगे है।
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