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ब्रह्मोस के लिए तैयार किए जा रहे हैं 40 सुखोई लड़ाकू विमान, जानें क्या है खास

ढाई टन वजनी यह मिसाइल ध्वनि की गति से 3 गुना तेज, मैक 2.8 की गति से चलती है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है...

Reported by: Bhasha
Published on: December 17, 2017 13:34 IST
Representational Image | PTI Photo- India TV Hindi
Representational Image | PTI Photo

नई दिल्ली: देश के 40 सुखोई लड़ाकू विमानों में परिवर्तन करने का काम शुरू किया जा रहा है ताकि वह तेजी से उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा पहलूओं के बीच भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करते हुए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का प्रक्षेपण कर सकें। दुनिया की सबसे तेज रफ्तार सुपरसोनिक मिसाइल के आकाश से मार करने वाले संस्करण का सुखोई-30 लड़ाकू विमान से 22 नवंबर को सफल प्रक्षेपण किया गया। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।

अधिकारिक सूत्रों ने विस्तृत जानकारी दिए बगैर बताया कि 40 सुखोई विमानों को ब्रह्मोस को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार करने का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना की समय सीमा तय हो गई है। सूचनाओं के मुताबिक यह परियोजना 2020 तक पूरी हो जाएगी। ब्रह्मोस के प्रक्षेपण के लायक बनाने के लक्ष्य से सरकारी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में इन 40 सुखोई विमानों में संरचनात्मक बदलाव किए जाएंगे। ढाई टन वजनी यह मिसाइल ध्वनि की गति से 3 गुना तेज, मैक 2.8 की गति से चलती है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है।

भारत को पिछले वर्ष मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) की पूर्ण सदस्यता मिलने के बाद उसपर लगे कुछ तकनीकी प्रतिबंध हटने के बाद इस मिसाइल की क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर तक किया जा सकता है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम वाला ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के साथ तैनात किया जाने वाला सबसे भारी हथियार होगा। सुखोई विमानों में यह तकनीकी विकास करने के बाद भारतीय सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।

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