नई दिल्ली| संसद के दोनों सदनों में सोमवार को दिल्ली हिंसा को लेकर जमकर हंगामा हुआ। हंगामे की वजह से दोनों सदनों को कल तक के लिए स्थगित करना पड़ा। लेकिन हंगामे के बीच लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। ये भिड़ंत तब हुई, जब विपक्ष गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रही थी। कांग्रेस सांसद 'गृहमंत्री इस्तीफा दो' के बैनर के साथ ट्रेजरी बेंच तक जाने की कोशिश कर रहे थे, तब भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी और कुछ और भाजपा सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कार्यवाही स्थगित कर दी। हालांकि, इसके बाद भी सांसदों में भिड़ंत जारी रही। ऐसा करीब 10 मिनट तक चलता रहा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद ने बीच-बचाव करने की कोशिश की। जिस वक्त ये सब कुछ हो रहा था, उस दौरान कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत वहां मौजूद पार्टी के अन्य सांसद पूरी घटना को देख रहे थे। इस घटना के बाद केरल से कांग्रेस की सांसद राम्या हरिदास ने गंभीर आरोप लगाए। महिला सांसद ने कहा कि जस कौर मीणा ने उनके साथ मारपीट की। जस कौर मीणा भाजपा की सांसद हैं।
सांसद राम्या हरिदास ने इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को खत भी लिखा है। उन्होंने लिखा कि "2 मार्च को 3 बजे लोकसभा के अंदर जस कौर मीणा ने मेरे साथ मारपीट की। ये मेरे साथ फिर से इस वजह से हुआ, क्योंकि मैं एक दलित हूं और महिला हूं। अध्यक्ष महोदय, मैं आपसे मांग करती हूं कि आप जसकौर मीणा के खिलाफ कार्रवाई करें।" इधर, विपक्ष के हंगामे पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक बार स्थिति सामान्य होने पर बहस होगी। दिल्ली में स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों का सामूहिक प्रयास होना चाहिए। अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों से कहा कि "ये लोकतंत्र का मंदिर है, हम भी शांति चाहते हैं। आपको सदन से बाहर नारे लगाने का अधिकार है।"