नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने गिरिजाघरों में कन्फेशन की प्रथा को प्रतिबंधित करने संबंधी राष्ट्रीय महिला आयोग की अनुशंसा का कड़ा विरोध करते हुए शनिवार को कहा कि यह प्रथा ईसाई धर्म का अभिन्न हिस्सा है और इसमें दखल नहीं दिया जाना चाहिए। दरअसल, महिला आयोग का कहना है कि उसने गिरिजाघरों में कन्फेशन की प्रथा पर रोक लगाने की अनुशंसा की है क्योंकि इससे महिलाओं को ब्लैकमेल किए जाने की आशंका रहती है।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक आयोग इस सिफारिश का विरोध करता है।’’ उन्होंने कहा कि यह ईसाई धर्म का अभिन्न हिस्सा है और इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए। इससे एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने भी महिला आयोग की सिफारिश को खारिज कर दिया था। खबर है कि अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने इस मामले में केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल का पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है।
क्या है मामला
दरअसल कुछ दिन पहले केरल में एक महिला के साथ कई पादरियों द्वारा गैंगरेप का मामला सामने आया था। इस केस में महिला द्वारा किए गए कन्फेशन को आधार बानाकर पादरियों ने ब्लैकमेल करके उसका शारिरीक शोषण किया था। ये पूरा मामला सामने आने के बाद वहां के स्थानीय महिला संगठनों ने भी कन्फैशन महिला द्वारा संपन्न कराने की मांग की है।