नई दिल्ली: महिला नेशनल शूटर आयशा फ़लक की बहादुरी और सूझबूझ की वजह से उनका देवर के बदमाशों के चंगुल से आज़ाद हो गया। आयशा की बहादुरी से दिल्ली पुलिस तक हैरान है।
दरअसल आयशा फलक के देवर आसिफ को बदमाशों ने अगवा कर लिया था और फिरौती में 25 हज़ार रुपये मांगे थे। आयशा ने समझदारी दिखाते हुए पुलिस को कॉल किया फिर प्लान के मुताबिक, आधी रात को बदमाशों के पास पहुंच गईं। जहां लाइसेंसी .32 बोर पिस्टल से बदमाशों के हाथ-पैर में गोलियां मारकर जख्मी किया और भजनपुरा के एक पार्क से देवर को छुड़ा लिया।
पुलिस ने बदमाशों को पकड़ लिया है, लेकिन सेल्फ डिफेंस साबित करने के लिए मामले की जांच हो रही है। आयशा (33 साल) के पति फलक शेर आलम ने बताया कि भाई आसिफ (21 साल) को किडनैपर्स ने गुरुवार रात 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। जब हमें फिरौती के लिए कॉल आया तो सभी बेहद डरे हुए थे। सोचा कि अपहरणकर्ताओं को फिरौती देने कौन जाएगा? पर्स में पिस्टल रखने वाली आयशा ने कहा, ‘जब मैंने अपहरणकर्ताओं को गोलियां मारीं तो आसिफ मुझे देखकर दंग रह गया। वह दौड़कर पास आया और मुझसे लिपट गया, वो बेहद डरा हुआ था। पुलिस और मेरे पति बाद में दूसरी गाड़ी से मौके पर आए। जख्मी बदमाश मोहम्मद रफी और आकाश को पकड़ लिया।