बेंगलुरू। कोरोना वायरस सिर्फ संक्रमण की वजह से ही खतरनाक नहीं है, बल्कि इसकी वजह से कई बार कोरोना मरीज को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ जाता है जो कोरोना रोगी के लिए संक्रमण से भी ज्यादा घातक सिद्ध हो सकता है। कर्नाटक के बेंगलुरू से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर कोरोना होने पर एक महिला के कोरोना संक्रमित होने पर उसके परिवार ने उससे नाता तोड़ा और ऐसी आशंका है कि महिला ने इसकी वजह से पड़े मनोवैज्ञानिक दबाव के कारण आत्महत्या कर ली।
कोरोना की वजह से 60 वर्षीय महिला को बेंगलुरू के केसी अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक महिला रिकवर हो रही थी लेकिन पिछले 2 दिन से उसने सभी से संपर्क तोड़ दिया था। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक पहले महिला का बेटा पीपीई किट पहनकर उससे मिलने के लिए आता था लेकिन 3-4 दिन से बेटा न तो मिलने के लिए आया और न ही फोन किया। महिला ने जब अस्पताल से फोन किया तो भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक परिवार के इस तरह के व्यव्हार से ही शायद महिला ने खुदकुशी जैसा कदम उठाया।
कोरोना की वजह से कई बार मरीज को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ जाता है। कई ऐसे भी मामले आए हैं जहां पर कोरोना की वजह से मरने वाले व्यक्ति के अंतिम संस्कार तक में उसके परिवार के लोग शामिल नहीं हुए। कोरोना महामारी का संक्रमण की खतरनाक जरूर है, लेकिन इसकी वजह से होने वाला सामाजिक और पारिवारिक बहिष्कार और भी ज्यादा खतरनाक है।