नयी दिल्ली: अगस्त का महीना शुरू हुए एक हफ्ते बीत चुका है लेकिन देश के कई हिस्सों में अब भी मानसूनी बारिश से हाहाकार मचा है। महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक और बंगाल के लोग इन दिनों बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं। महाराष्ट्र का कोल्हापुर तो मानों टापू बन गया है। आसपास के गांवों की भी हालात खराब है जबकि हाईवे पर जाम लग गया है। राहत एजेंसियां कोशिश तो खूब कर रही हैं लेकिन आसमान से आफत की इतनी बारिश हो रही है कि ये कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं और लोगों की परेशानी घटने का नाम नहीं ले रही हैं।
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित हिस्सों में स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां 2.5 लाख लोगों को अन्य स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, आंध्र प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं। पिछले सात दिनों में पश्चिमी महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 16 लोगों की मौत हुई है, जबकि कर्नाटक में रविवार से अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 26,000 लोगों को निकाला गया है। ओडिशा के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और दक्षिणी क्षेत्र में कुछ इलाकों में रेल सेवाएं बाधित रहीं।
कर्नाटक के कई हिस्सों में बुधवार को भी भयंकर बाढ़ की स्थिति बनी रही , जिसकी वजह से लगभग 26,000 लोगों को उनके घरों से निकाला गया और पिछले तीन दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में पांच लोगों की जान जा चुकी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में बांधों और कर्नाटक में बैराजों और जलाशयों के जल द्वार खोले जाने से बाढ़ आ गई। राज्य में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण सड़क और रेल संपर्क प्रभावित हुआ है।
पश्चिमी महाराष्ट्र में खास तौर पर कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह होने के बाद 1.32 लाख से ज्यादा लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। यहां लगातार हुई बारिश से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले सात दिनों में बारिश और बाढ़ से संबंधित विभिन्न घटनाओँ में 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुणे के प्रखण्ड आयुक्त डॉक्टर दीपक महाइसेकर ने कहा, ’’ पुणे क्षेत्र में (पुणे, सतारा, सोलापुर, सांगली और कोल्हापुर जिलों में) अब तक बाढ़ से 1.32 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि सांगली और कोल्हापुर जिलों में क्रमश: 53,000 और 51,000 लोगों को बाहर निकाला गया है।
महाइसेकर ने कहा, ‘‘ सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दोनों जिलों में बचाव अभियान चला रहे हैं और बुधवार शाम तक एनडीआरएफ की छह और टीम कोल्हापुर जाएंगी।’’ इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में दिनभर उमस रही, जहां तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सफदरजंग वेधशाला में 22.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। पालम वेधशाला ने 9.6 मिमी और लोधी रोड वेधशाला में 24.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश में, हरदोई में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि गोरखपुर में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में लगातार बारिश से चार लोगों की जान चली गई, जबकि बुलंदशहर और कानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बुधवार को हल्की बारिश हुई। ऊना में अधिकतम 109 मिलीमीटर बारिश हुई। छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है। पिछले कुछ समय से लगभग सूखे की स्थिति का सामना कर रहे छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में आज सुबह से भारी बारिश हो रही है।
वहीं, राज्य के दक्षिण क्षेत्र बस्तर में पिछले दो दिन से भारी बारिश के कारण कुछ गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान कई स्थानों पर और पश्चिमी हिस्सों में कुछ स्थानों पर बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान राज्य के कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश और राजधानी जयपुर सहित 11 जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है।