पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर आमने-सामने आ गई हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शिक्षा भारती के 125 स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। ममता सरकार के इस फैसले से बीजेपी काफी गुस्से में है। पार्टी ने ममता सरकार के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति कर रही है। मीडिया में सामने आ रही जानकारी के अनुसार राज्य शिक्षा विभाग मार्च 2017 में स्कूलों के एफलिएशन की जांच शुरू की थी। पूरे राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था विद्या भारती के करीब 400 स्कूल हैं। सरकार ने एनओसी ना होने या राज्य के शिक्षा बोर्ड का पाठ्यकर्म ना पढ़ाए जाने के नाम पर 125 स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने बताया, 'हमने 125 ऐसे स्कूलों की पहचान की है जिनके पास नो ऑब्जेशन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं है। बंगाल में कुछ स्कूल ऐसे हैं जो प्रदेश के सिलेबस के अनुसार नहीं चल रहे। हमने ऐसे 125 को बंद किया है और दूसरे स्कूलों की भी जांच कर रहे हैं। उसके बाद हम कोई फैसला लेंगे।' सरकार के इस फैसले को एकपक्षीय बताते हुए बीजेपी ने इससे वोटबैंक की राजनीति बताया है।
बीजेपी नेता विनय कटियार ने बंगाल सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा, 'संघ के स्कूल में कट्टरवाद नहीं राष्ट्रवाद सिखाया जाता है। कट्टरवादी तो ममता बनर्जी हैं जो डर गई हैं। संघ के स्कूलों में कुछ गलत नहीं पढ़ाया जा रहा है और सभी एजुकेशन नॉर्म्स पूरे हैं। पूरे देश में संघ के स्कूल चल रहे हैं, कहीं कोई दिक़्क़त नहीं है। ममता डर गईं हैं, इसलिए वोट बैंक की राजनीति के लिए ये सब कर रही हैं। ममता बनर्जी को अपने फ़ैसले पर फिर से सोचना चाहिए।' तो वहीं मदरसों पर भी इस तरह कोई कार्रवाई होने के सवाल पर पार्थ चटर्जी ने कहा है कि मदरसों के बारे में सवाल पर चटर्जी ने कहा, 'मदरसा मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। कुछ की जांच की जा रही है। मुझे सही स्थिति पता नहीं है। स्कूल सिलेबस के अनुसार चलना चाहिए, धर्म के आधार पर नहीं।'