जम्मू: पिछले एक साल से ज्यादा समय में पहली बार जम्मू में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय भावुक होकर फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल होने तक वह नहीं मरेंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी पर ‘देश को गुमराह करने’ और जम्मू-कश्मीर के साथ लद्दाख के लोगों से ‘झूठे वादे’ करने के आरोप लगाए। पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बीते 28 सालों से कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस लाए जाने को लेकर वादे किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
‘अपना काम खत्म होने पर मैं इस जहां से चला जाऊंगा’
गुपकर गठबंधन घोषणापत्र (PAGD) की शनिवार को होने वाली बैठक के पहले शेर-ए-कश्मीर भवन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं से अब्दुल्ला ने कहा, ‘अपने लोगों के अधिकार वापस लेने तक मैं नहीं मरूंगा। मैं यहां लोगों का काम करने के लिए हूं, और जिस दिन मेरा काम खत्म हो जाएगा मैं इस जहां से चला जाऊंगा।’ वहीं, कश्मीरी पंडितों को वापस घाटी में बसाए जाने की बात पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘28 साल वादे किए गए कि हम कश्मीरी पंडितों को वापिस लेकर आएंगे। 5 साल तो हो गए इनके, ये 5 साल भी चले जाएंगे। कश्मीरी पंडित आज भी इंतजार कर रहा है वो दिन कब आएगा।’
जम्मू आए हुए बीत चुका था एक साल से ज्यादा का वक्त
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू में अब्दुल्ला (84) की यह पहली राजनीतिक बैठक थी। अब्दुल्ला, अपने बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ दोपहर में यहां पहुंचे। पिछले एक साल से ज्यादा समय में वह पहली बार जम्मू आए हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू, लद्दाख और कश्मीर को एक दूसरे से अलग कर दिया जाएगा। हालात के कारण हम पीएजीडी के गठन के समय इन क्षेत्रों के लोगों को शामिल नहीं कर पाए और अब यहां आए हैं।’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35ए को फिर से बहाल करने तथा ‘काले कानूनों’ को समाप्त करने के लिए दलों ने हाथ मिलाए हैं।