नयी दिल्ली: भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरूवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध भारत के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंध ‘‘रणनीतिक और दीर्घकालिक’’ है। कुदाशेव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उनके देश के संबंध का उद्देश्य पाकिस्तान में स्थिरता को सुनिश्चित करना, क्षेत्रीय स्थिरता में सहयोग करना और आतंकवाद से मुकाबला करना है। यह पूछे जाने पर कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच पिछले सप्ताह बैठक के दौरान बढ़ते रूसी-पाकिस्तान संबंधों को लेकर क्या भारत की तरफ से चिंता व्यक्त की गयी तो कुदाशेव ने ना में जवाब दिया।
उन्होंने कुछ चुनिंदा पत्रकारों से कहा,‘‘इस संबंध में चिंता की क्या बात है। संबंध बहुत ही स्पष्ट है। हमें एक स्थिर पाकिस्तान चाहिए...जहां तक मैं समझता हूं कि भारतीय पक्ष का भी यही विचार है।’’ पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास पर उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद-निरोधक अभ्यास था और इसके बहुत अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘भारत की तुलना में पाकिस्तान के साथ हमारा सैन्य और रणनीतिक सहयोग लगभग शून्य है।’’
रूस-पाकिस्तान संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में नये घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मुख्यधारा में पाकिस्तान को लाये जाने के लिए कुछ नया होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल होना, इस बात का सबूत है कि ये प्रयास सफल हो रहा है। मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए कोई चिंता की बात है। भारत के साथ हमारे संबंध रणनीतिक और दीर्घकालिक है।
रूसी राजदूत ने कहा कि रूस में कोई भी समझदार व्यक्ति यह नहीं कहेगा कि हम पाकिस्तान के साथ संबंध भारत की कीमत पर बनाये। यह असंभव है। अफगानिस्तान पर एक शांति सम्मेलन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की ओर से आये अनुरोध पर इस बैठक को स्थगित किया गया था। यह बैठक हाल में मास्को में होनी थी। तालिबान ने संकेत दिये थे कि वह सम्मेलन में भाग लेने का इच्छुक है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सम्मेलन में भाग लेने को लेकर भारत की ओर से कुछ कहा गया था तो कुदाशेव ने कहा,‘‘ (भारत की ओर से भाग लेने के संबंध में) कोई इनकार नहीं किया गया था।