नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक कार्यक्रम में कहा कि अगर केंद्र अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करेगा तो हम न केवल पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेंगे, बल्कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा नहीं लेंगे।
फारूक ने नवजोत सिंह सिद्धू के करतारपुर साहिब रूट खोलने वाले ब्यान पर कहा कि जिस तरह मीडिया ने सिद्धू को लक्षित किया उससे यह पता चलता है कि वहा ऐसे तत्व मौजूद हैं जो भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार नहीं चाहते हैं। उनकी भारत-पाकिस्तान में ना तो कोई रूचि है और ना वो दोनों देशों के बीच शांति चाहते है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारत-पाकिस्तान की दोस्ती की जरूरत है।
फारूक ने कहा कि जब वाजपेयी जैसे आरएसएस नेता प्रधानमंत्री के रूप में पाकिस्तान जाते हैं और कहते हैं कि वह एक जननेता है और भारत, पाकिस्तान को एक देश के रूप में स्वीकार करता है और उनके साथ दोस्ती करना चाहता है...अगर हम अपने पड़ोसी के दोस्त हैं, तो हम दोनों समृद्ध होंगे। मुझे आशा है कि प्रधानमंत्री इसके बारे में सोचेंगे और इसके लिए काम करेंगे।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि किसी भी मुस्लिम ने कभी भी हिंदू या ईसाई को अपने धर्म का वो कैसे पालन करें नही बताया लेकिन जब वे हमारी नमाज को रोकते है तो वे गांधी के भारत को बदलना चाहते हैं। अगर वे राष्ट्र को बचाना चाहते हैं, तो उन्हें सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान देने की जरूरत है।