गुवाहाटी. असम में भारतीय जनता पार्टी एकबार फिर से सत्ता में काबिज हो गई है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की जीत का नायक राज्य सरकार में मंत्री और नॉर्थ ईस्ट में भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले हिमंत बिस्व सरमा को बताया जा रहा है। उन्होंने पांचवी बार विधानसभा के चुनाव में जीत दर्ज की है। इसबार उन्होंने जालुकबारी विधानसभा सीट से एक लाख से भी ज्यादा अंतर से चुनाव जीता है। उनकी इस प्रचंड जीत के बाद अब राज्य में इस बात की जमकर चर्चा हो रही है कि क्या इसबार भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री बदलेगी और उन्हें सीएम पद पर बैठाएगी।
इस बारे में जब रविवार को हिमंत बिस्व सरमा से मीडियाकर्मियों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में बात नहीं करना चाहते हैं कि कौन राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनेगा क्योंकि यह निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा। आपको बता दें कि भाजपा ने साल 2016 में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था लेकिन इस बार उसने इस शीर्ष पद के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की।
ऐसी अटकलें हैं कि हिमंत बिस्व सरमा नए मुख्यमंत्री होंगे। सरमा से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या वह अगले मुख्यमंत्री होंगे, तो उन्होंने कहा, "मैं इसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहता हूं। हमारा संसदीय बोर्ड इस बारे में निर्णय लेगा।"
आपको बता दें कि राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बार बार दावा किया कि राज्य में दो मुख्यमंत्री हैं। उनका इशारा सरमा एवं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के सत्ता के प्रतिद्वंद्वी केंद्रों के रूप में अफवाहों की ओर था। निवर्तमान राज्य सरकार में सरमा के पास शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त एवं लोक निर्माण विभाग थे।
वह NDA के पूर्वोत्तर संस्करण पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के संयोजक हैं। उन्होंने असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को रविवार को 1,01,911 मतों के अंतर से हराकर जालुकबारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। सरमा ने भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि सत्ताविरोधी भावना को परास्त करके सत्ता कायम रखना किसी भी दल के लिए उपलब्धि है।