नई दिल्ली: रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मासूम छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की निष्पक्ष जांच पर उसके परिवार की आस टिकी है, ताकि इंसाफ मिले। पता चले कि मासूम का गुनाह क्या था कि उसे स्कूल में प्राणदंड मिला। प्रद्युम्न के परिवार के वकील सुशील टेकरीवाल ने सवाल उठाया कि आखिरकार सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में क्यों नहीं ले रही है? सीबीआई को जांच से कौन रोक रहा है?
सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता टेकरीवाल ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि रेयान के मालिकान पिंटो फैमली की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील क्यों नहीं थे? कहीं ऐसा तो नहीं कि पिंटो फैमली को बचाने के लिए हरियाणा सरकार देरी कर रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट पहुंची पिंटो फैमली की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से न्यायाधीश ए.बी. चौधरी ने इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वह पिंटो फैमली के जानने वाले हैं। ऐसे में वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते। अब इस याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी।
वहीं, प्रद्युम्न के परिवार ने कई सवाल खड़े किए हैं। प्रद्युम्न के पिता वरुण चंद्र ठाकुर ने हरियाणा सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शुक्रवार को उनके घर आए थे, तो उन्होंने साफ कहा था कि वह इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करेंगे। उसी दिन खबर आई कि उन्होंने सिफारिश कर दी है, लेकिन चार दिन बीतने के बाद भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है।
ठाकुर ने कहा कि उन्होंने गुरुग्राम के उपायुक्त को पत्र लिखा था कि रेयान स्कूल अभी नहीं खोला जाए, क्योंकि इससे सबूत प्रभावित हो सकते हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने स्कूल खोलने की अनुमति दे दी। हालांकि, सोमवार को स्कूल कुछ घंटे बाद 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा, "मुझे पता चला है कि हरियाणा के गृह सचिव एस.एस. प्रसाद ने प्रद्युम्न मर्डर केस की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा है। यह जानकार आस बंधी, लेकिन सीबीआई जांच कब शुरू करेगी, यह कोई नहीं बता रहा है।"
गुरुग्राम के भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल की मुश्किलें हालांकि बढ़ गई हैं। हरियाणा सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने अपनी जांच में रेयान स्कूल में भयंकर कमियां पाई हैं। स्कूल के सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए हैं।
प्रद्युम्न के परिवार को कानूनी सहायता मुहैया करा रहे मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. बीरबल झा ने कहा कि पीड़ित परिवार को हर संभव कानूनी सहायता दी जाएगी। यह मामला अब कोई एक बच्चे का नहीं, बल्कि देश के करोड़ों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। रेयान स्कूल के खिलाफ कानूनी लड़ाई हाथी से चींटी की लड़ाई है। अकूत संपत्ति के मालिकों से लड़ाई आसान नहीं है, लेकिन अगर समूचा देश इस मुद्दे पर एकजुट हो जाए, तो यह लड़ाई जीतना बहुत मुश्किल भी नहीं है।
उन्होंने कहा, "रेयान के मालिकों को यह याद रखना चाहिए कि छोटी से चींटी सूंड़ में घुसकर हाथी को बेदम भी कर देती है।"