नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में 4 सांसदों के विदाई समारोह पर भाषण दिया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की विशेष रूप से तारीफ की। गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी एक समय काफी भावुक हो गए। अपने भाषण के दौरान पीएम ने उनसे जुड़ी कई मानवीय घटनाएं बताईं। इस दौरान पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की कई खासियतों का भी जिक्र किया और इन विशेषताओं के लिए उन्हें सैल्यूट भी किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पद, सत्ता जीवन में आती रहती हैं लेकिन उसे कैसे पचाना उसे गुलाम नबी आजाद से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा, "बड़ी संख्या में गुजरात से टूरिस्ट कश्मीर जाते हैं। गुलाम नबी के कार्यकाल में टूरिस्टों पर हमला हो गया, जिसमें करीब 8 लोग मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी ने मुझे फोन किया। वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, उनके आंसू रुक नहीं रहे थे फोन पर। उस समय प्रणव मुखर्जी साब डिफेंस मिनिस्टर थे। मैंने उन्हें किया कि फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए, डेड बॉडी को लाने के लिए। उन्होंने कहा, आप चिंता मत किजिए, मैं करता हूं व्यवस्था। रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया वो एयरपोर्ट थे। उन्होंने मुझे फोन किया... जैसे अपने परिवार की चिंता करें, वैसी चिंता... "
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पीएम ने कहा कि पद, सत्ता जीवन में आती रहती हैं लेकिन उसे कैसे पचाना.... इस दौरान पीएम ने गुलाम नबी आजाद को सैल्यूट किया। जिसपर गुलाम नबी आजाद ने हाथ जोड़कर उनका शुक्रिया अदा किया। पीएम ने कहा, "ये मेरे लिए बड़ा भावुक पल थे। दूसरे दिन फिर फोन आया कि मोदी जी सब लोग पहुंच गए। मैं एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी का घटनाओं और अनुभवों के आधार पर आदर करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी सौम्यता, नम्रता, इस देश को कुछ कर गुजरने की कामना उनको चैन से नहीं बैठने देगी।"
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