नई दिल्ली: दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान अब वहां पर पक्का निर्माण कर रहे हैं। किसानों ने ईंट जोड़कर पक्का कंस्ट्रशन शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि अब गर्मी का मौसम आ रहा है, ऐसे में किसानों के पास और कोई विकल्प नहीं बचा है कि वो पक्का निर्माण कर लें। अभी तक करीब 25 से 30 पक्के मकान बनाए जा चुके हैं।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कारी किसान टीकरी बॉर्डर पर स्थाई घर बना रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "आंदोलन की कोई समयसीमा नहीं है और गर्मी का मौसम आ रहा है इसलिए हम स्थाई घर बना रहे हैं। अभी 25-30 पक्के मकान बन चुके हैं।"
आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत इससे पहले भी यह ऐलान कर चुके हैं कि जब तक तीन नए कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के सौ से ज्यादा दिन हो चुके हैं।
किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है। किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि कहा कि किसान और व्यापार संघ मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, 'हम 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर पूर्ण रूप से भारत बंद का पालन करेंगे। शांतिपूर्ण बंद सुबह से शाम तक प्रभावी रहेगा।' उन्होंने कहा कि किसान 19 मार्च को 'मंडी बचाओ-खेती बचाओ' दिवस मनाएंगे। किसान यूनियनों ने भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव का शहीदी दिवस मनाने का भी फैसला लिया है। बुर्जगिल ने कहा कि किसान नेताओं ने 28 मार्च को होलिका दहन के दौरान नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का भी निर्णय लिया है।