Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. आखिर क्यों चीन पड़ा नरम? कहा-'अमन-चैन बनाकर रखना दोनों देशों के हित में'

आखिर क्यों चीन पड़ा नरम? कहा-'अमन-चैन बनाकर रखना दोनों देशों के हित में'

चीन और भारत को एक दूसरे का बेहद अहम पड़ोसी बताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में है और इसके लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है।

Reported by: Bhasha
Updated : June 24, 2020 22:57 IST
आखिर क्यों चीन पड़ा नरम?  कहा-'अमन-चैन बनाकर रखना दोनों देशों के हित में'
Image Source : FILE PHOTO आखिर क्यों चीन पड़ा नरम?  कहा-'अमन-चैन बनाकर रखना दोनों देशों के हित में'

बीजिंग: चीन और भारत को एक दूसरे का बेहद अहम पड़ोसी बताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में है और इसके लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है। हालांकि चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने अलग-अलग बयानों में बीजिंग के रुख को दोहराया कि पूर्वी लद्दाख में 15 जून को हुई दोनों देशों के सैनिकों की झड़प के लिए भारत जिम्मेदार है। 

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि दोनों रक्षा मंत्री फोन पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव घटाने और शांति एवं स्थिरता बनाकर रखने पर गहन विचार-विमर्श के लिए 22 जून को दूसरी सैन्य स्तरीय वार्ता की थी।’’ चीन और भारत को एक दूसरे का महत्वपूर्ण पड़ोसी बताते हुए वू ने कहा कि सीमा क्षेत्र में अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में शामिल है और इसके लिए दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों की जरूरत होगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और चीन एक-दूसरे के साथ बैठक करेंगे, दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों को प्रभावी तरीके से लागू करेंगे, दोनों पक्षों के बीच करारों का सख्ती से पालन करेंगे और सभी स्तर पर वार्ता तथा संवाद के माध्यम से प्रासंगिक मुद्दों को उचित तरीके से सुलझाते रहेंगे। हम सीमा क्षेत्रों में तनाव कम करने और अमन-चैन बनाकर रखने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि दोनों पक्षों के विदेश मंत्रियों ने 17 जून को फोन पर बातचीत के दौरान इस गंभीर मसले पर न्यायोचित तरीके से निपटने पर सहमति जताई थी। 

तीस सैटेलाइट तस्वीरों से गलवान का सच सामने आया, खुली चीन की पोल

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष कमांडर स्तर की वार्ता में हुई सहमति का पालन करेंगे और हालात को यथासंभव जल्द शांत करेंगे। दोनों पक्ष अब तक हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाकर रखेंगे।’’ झाओ ने कहा कि 22 और 23 जून को कमांडर स्तर की दूसरे दौर की बैठक हुई जिसमें दोनों पक्षों ने हालात को शांत करने एवं संयुक्त तरीके से शांति को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई। बातचीत गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद की गई है। झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। झाओ ने एक बार फिर भारत पर सीमा पर टकराव की स्थिति के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘चीनी पक्ष की कोई जिम्मेदारी नहीं है।’’ 

क्या सियाचिन पाक को सौंपना चाहती थी UPA सरकार? जानिए, पूर्व आर्मी चीफ जनरल जे. जे. सिंह ने क्या कहा

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पक्ष के इस जोखिमपूर्ण व्यवहार ने दोनों देशों के बीच समझौते का तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों को निर्देशित करने वाले बुनियादी नियमों का व्यापक तरीके से उल्लंघन किया है। यह बहुत गंभीर परिणाम वाला है।’’ जब झाओ से पूछा गया कि दोनों सेनाओं के कमांडरों की सकारात्मक बातचीत के बाद वह आरोप क्यों दोहरा रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो कहा, उसका आशय सिर्फ पूरी स्थिति को स्पष्ट करना, सभी को सच बताना है। हमने यह बयान दिया क्योंकि भारत में विदेश मंत्रालय और भारतीय मीडिया ने कुछ झूठी रिपोर्ट जारी की हैं।’’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement