नई दिल्ली। देश में कोरोना को लेकर डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं। देश में हुआ सिरो सर्वे का आंकड़ा बताता है कि 22 से 29 फीसदी आबादी में कोरोना वायरस का एंटीजन पाए गए हैं, यानी 22 से 29 फीसदी लोगों को किसी ना किसी रूप में कोरोना हो चुका है। ऐसा बोल कर हम आपको डरा नहीं रहे हैं, ना ही भय पैदा करना चाहते हैं, हम आपको चेता रहे हैं। देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता चला जा रहा है, इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों की लापरवाही है। दरअसल, अभी भी कई लोग फेस मास्क लगाने में परहेज करते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे हैं। साथ ही इम्यूनिटी बूस्टर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
केवल 7 राज्यों में कोरोना के 81 फीसदी मामले
आखिर अपने देश में कोरोना वायरस बेलगाम क्यों हो गया है। इसकी असली वजह आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले समझिए कि ये समस्या कितनी बड़ी है। गौर करने वाली बात ये है कि कोरोना की वजह से 81 फीसदी से ज्यादा मौतें देश के केवल 7 राज्यों में हुई हैं। वहीं अगर भारत के सबसे ज्यादा संक्रमित सूबों की बात करें तो महाराष्ट्र पहले नंबर पर है।
जानिए कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के बारे में
महाराष्ट्र में अब तक कोरोना के सवा आठ लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, वहीं कोरोना से मरने वालों की तादाद 25 हजार के पार पहुंच चुकी है। दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश हैं, जहां कोरोना के 4,55,531 केस सामने आ चुके हैं और 4,125 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। तीसरे नंबर पर तमिलनाडु है, यहां अब तक 4,39,959 मामले सामने आ चुके हैं वहीं 7,516 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना प्रभावित राज्यों में कर्नाटक चौथे नंबर पर पहुंच गया है। कर्नाटक में अब तक कोरोना के 3,61,341 मामले सामने आ चुके हैं। 5,950 लोगों की जान जा चुकी है। उत्तर प्रदेश पांचवें नंबर पर है, यूपी में कोरोना के 2,41,439 केस सामने आए हैं, अब तक 3,616 लोग कोरोना वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं। देश की राजधानी दिल्ली छठे नंबर पर है। जहां अब तक 1,79,569 मामले सामने आए हैं। कोरोना की चपेट में आकर अब तक 4,481 लोगों की मौत हो चुकी है।
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को कोरोना से ज्यादा खतरा
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कोरोना के केस कम हैं। देश में कोरोना मरीजों में हुई कुल मौत में पुरूषों की संख्या करीब 70 प्रतिशत है जबकि महिलाओं की संख्या 30 प्रतिशत है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन होता है, जिससे इम्यूनिटी अच्छी रहती है जबकि ये हॉर्मोन पुरूषों में बहुत कम होता है। एस्ट्रोजन हार्मोन पुरूषों को नहीं दिया जा सकता है।
अब ये भी समझिये कि कोरोना से किन-किन लोगों को बचाने की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है। 45 से 60 वर्ष के लोगों को बचाने की ज्यादा आवश्कता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने की ज़रूरत है। इस हॉर्मोन के कम होने की वजह से इम्यूनिटी कम हो जाती है। पुरुष में सिगरेट-शराब पीने के मामले ज़्यादा हैं, इससे भी इम्यूनिटी कम हो जाती है।
देश के कोरोना संक्रमित शहर
देश के अलग-अलग राज्यों से कोरोना के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो बहुत ही डरावने हैं। यही वजह है कि भारत 24 घंटे में दर्ज सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस वाला दुनिया का पहला देश भी बन गया है। भारत में कोरोना कैसे विस्फोटक बनते जा रहा है, इसे समझने के लिए हमें देश के उन टॉप 5 शहरों को भी जान लेना जरुरी है, जहां सबसे ज्यादा कोरोना मरीज हैं। कोरोना संक्रमण के लिहाज से महाराष्ट्र का पुणे देश का सबसे प्रभावित शहर बन गया है। पुणे में 52 हजार से ज्यादा कोरोना के एक्टिव पेसेंट हैं, मुंबई में करीब 21 हजार और दिल्ली में 16 हजार एक्टिव पेशेंट हैं। इसके आलावा अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, इंदौर और कोलकाता जैसे बड़े शहरों पर कोरोना की सबसे ज्यादा मार पड़ी है।
बई, दिल्ली में फिर बढ़ रही कोरोना की रफ्तार
सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि मुंबई और दिल्ली के संक्रमण की रफ्तार कम हो चली थी, वहां अब कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इसे दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर बताया है। इसलिए अब आक्रामक तरीके से रोकथाम के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है। लेकिन देश में अनलॉक फेज 4 शुरू हो गया है। देश में धीरे धीरे सब कुछ खुलता जा रहा है। शर्तों के साथ दफ़्तर, दुकानें, मॉल, ट्रांसपोर्ट आदि खुलते चले जा रहे हैं। ऐसे में आपके लिए सबसे जरुरी खुद को और अपने पूरे परिवार को बचाना है। 1 सितंबर से अनलॉक का चौथा चरण शुरू हो गया है। अनलॉक 4 में कई छूट दी गई हैं, तो ये भी साफ किया है कि कंटेनमेंट जोन में 30 सितंबर तक लॉकडाउन सख्ती से लागू रहेगा।
कोरोना रोकने के लिए सरकार के पास है केवल दो रास्ते
अनलॉक 4 के गाइडलाइन के मुताबिक, 7 सितंबर से शर्तों के साथ के मेट्रो चलाने को मंजूरी दी गई है। 21 सितंबर से आयोजनों में 100 लोगों के शामिल होने की भी इजाजत दी गई है। 21 सितंबर से ओपन एयर थिएटर खुलेंगे। 50 प्रतिशत तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ स्कूल आएंगे। 9 से 12 तक के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर स्कूल जा सकते हैं। अब अगर सारी गतिविधियों को खोला जा रहा है तो कोरोना को रोकने के लिए सरकार के पास दो रास्ते हैं। पहला रास्ता है कि लॉकडॉउन फिर से किया जाए, दूसरा रास्ता- सावधानी रखते हुए अनलॉक किया जाए। सरकार ने दूसरा रास्ता चुना है, लेकिन इसमें लोगों की लापरवाही सबसे ज्यादा सामने आ रही है। लोगमास्क नहीं पहनना चाहते और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना चाहते हैं।
इसलिए बढ़ रहे कोरोना केस
अब सवाल है कि देश में रोजाना कोरोना के केस क्यों बेतहासा बढ़े रहे हैं, तो इसका जवाब है बड़ी तादाद में टेस्टिंग। आईसीएमआर के आकड़ों के मुताबिक अब रोजाना 11 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। देश में अब तक 4 करोड़ 55 लाख 9 हजार 380 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बुधवार (2 सितंबर) को कुल 11 लाख 72 हजार 179 टेस्ट हुए, जिनमें 83 हजार 8 सौ 83 लोग संक्रमित पाए गए। यानी पॉजिटिविटी रेट 7.15 प्रतिशत है। ऐसे में डरना-घबराना नहीं सचेत रहना है, क्योंकि चुनौती बहुत बड़ी है। बड़े शहरों के साथ साथ अब छोटे शहरों और कस्बों में भी कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
छोटे शहरों की ओर कोरोना बढ़ रहा है। छोटे कस्बों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। गांवों में कोरोना का प्रसार हो रहा है। गांवों और कस्बों में स्वास्थ्य सेवाओं का आभाव भी है। ऐसे में सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। ये सड़क के लिए नहीं है आपकी जिंदगी की सुरक्षा के लिए भी है। तो फिर आप समझदारी दिखाइए मास्क पहनिए, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखिए और जितना कम से कम हो घर से बाहर निकलिए।