हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि जब यात्रियों पर हमले की आशंका की खुफिया सूचना थी, फिर वह उन्हें बचाने में क्यों नाकाम रही। हैदराबाद के सांसद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह हमले की कड़ी भर्त्सना करते हैं, क्योंकि किसी की जान लेने का किसी को अधिकार नहीं है।
ओवैसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सत्ता में आने के बाद अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर दूसरी बार हमला हुआ है और उन्होंने मांग की कि सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि हमले की आशंका की खुफिया सूचना के बावजूद वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में क्यों नाकाम रही। इससे जुड़ी खबर मीडिया में भी 26 जून को आई थी। लोकसभा सदस्य ने कहा, "केंद्र में भाजपा की सरकार सत्तारूढ़ है और जम्मू एवं कश्मीर में भी पीपुल्स डेमोक्रेटिकपार्टी (PDP) के साथ उसकी गठबंधन सरकार है। सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों को बताए कि वह क्यों नाकाम रही।"
उन्होंने कश्मीर के आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन द्वारा द टेलीग्राफ को दिए गए उस साक्षात्कार की ओर इशारा किया, जिसमें उसने इस तरह के हमले के संकेत दिए थे। ओवैसी ने कहा, "यही समय है, जब केंद्र में भाजपा अपनी दिशा में सुधार करे।" उन्होंने आरोप लगाया कि लश्कर-ए-तैयबा तथा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर सलाहुद्दीन कश्मीर घाटी में 2008 जैसे हालात पैदा करना चाहता है।
निर्दोष श्रद्धालुओं की मौत पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास करने वाले लोगों की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा कि उन्हें लश्कर और आईएसआई को समस्याएं खड़ी करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि चीन सिक्किम सीमा पर क्या कर रहा है।